डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलाई जा रही मुहिम के दौरान मंगलवार को ग्रेटर मोहाली एरिया डिवैल्पमैंट अथारटी (गमाडा) में साल 2016 से 2020 के दरमियान राज्य के बाग़बानी और राजस्व विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभुगत के साथ फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर ज़मीन एक्वायर करने के दौरान करोड़ों रुपए का मुआवज़ा लेने वाले राजस्व कर्मचारी सहित 7 दोषियों को गिरफ्तार करके करोड़ों रुपए के बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये राज्य विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में एफ. आई. आर. नं. 16 तारीख़ 02/ 05/ 23 को आई. पी. सी. की धारा 409, 420, 465, 466, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13(1) (ए), 13 (2) के अंतर्गत पुलिस थाना, उड़न दस्ता-1 पंजाब मोहाली में केस दर्ज किया गया है।
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इस केस में मुख्य दोषी भुपिन्दर सिंह निवासी बाकरपुर ज़िला मोहाली समेत मुकेश जिन्दल, शमन जिन्दल पत्नी मुकेश जिन्दल, प्रवीण लता पत्नी चंचल कुमार जिन्दल, दोनों निवासी माडल टाऊन बठिंडा, विशाल भंडारी निवासी सैक्टर 40-डी, चंडीगढ़, सुखदेव सिंह निवासी बाकरपुर, बिन्दर सिंह निवासी सैक्टर 79, मोहाली और बचित्तर सिंह पटवारी, राजस्व हलका बाकरपुर (मौजूदा कानूनगो) एस. ए. एस. नगर को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके इलावा बाग़बानी विभाग के कर्मचारी जसप्रीत सिंह, वैशाली, दिनेश कुमार, रश्मि अरोड़ा, अनिल अरोड़ा, विशाल भंडारी आदि को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा जिससे कई और अहम खुलासे भी सामने आ सकते हैं। प्रवक्ता ने आगे बताया कि एक शिकायत की जांच के दौरान विजीलैंस ब्यूरो ने पाया है कि साल 2016 में गमाडा ने एस. ए. एस. नगर जिले के अलग- अलग गाँवों से सम्बन्धित ज़मीन एक्वायर करने के लिए नोटिस जारी किये और साल 2017 में धारा 4 और 2020 में धारा 19 के अधीन नोटिफिकेशन जारी किये थे।
उन्होंने आगे कहा कि बाकरपुर के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर भुपिन्दर सिंह ने गमाडा, राजस्व और बाग़बानी विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मिलकर अपने अन्य साथियों अनिल जिन्दल, मुकेश जिन्दल, विकास भंडारी आदि के साथ मिलकर कृषि योग्य ज़मीन के पट्टेनामे/मुख़त्यारनामा लेकर अमरूदों के बाग़ लगा दिए।
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उन्होंने बताया कि उक्त दोषियों ने हलका पटवारी बचित्तर सिंह की मिलीभुगत के साथ साल 2019 में जाली गिरदावरी रजिस्टर तैयार करवाया, जिसमें उसने 2016 से अपनी ज़मीन पर अमरूद के बाग़ों के मालिक बता कर नाजायज तौर पर करोड़ों रुपए का मुआवज़ा हासिल किया।
उन्होंने आगे बताया कि गहराई से पड़ताल दौरान यह पाया गया कि इस केस के मुख्य दोषी भुपिन्दर सिंह ने ख़ुद और अपने परिवारिक सदस्यों के लिए इसी अमरूदों के बाग़ के लिए लगभग 24 करोड़ रुपए का मुआवज़ा लिया। इसी तरह ही बठिंडा के निवासी मुकेश जिन्दल ने अमरूदों के बाग़ के लिए करीब 20 करोड़ रुपए का मुआवज़ा लेकर सरकार के साथ धोखाधड़ी की है।