डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बड़ा एक्शन लिया है। जालंधर आने से पहले मुख्यमंत्री मान ने एक पुलिस अफसर को सस्पैंड कर दिया। उक्त पुलिस अफसर मोगा, होशियारपुर और तरनतारन जैसे जिलों में एसएसपी के पद पर तैनात रहा है।
जानकारी के मुताबिक पीपीएस अफसर और मोगा, होशियारपुर व तरनतारन जैसे जिलों में एसएसपी रहने वाले राजजीत सिंह को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बर्खास्त कर दिया है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री मान ने अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि नशा तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
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मुख्यमंत्री मान ने कहा कि सीलबंद लिफाफों की रिपोर्ट को देखने के बाद राजजीत सिंह पीपीएस को ड्रग तस्करी के केस में नामजद होने के चलते तुरंत नौकरी से बर्खास्त किया जाता है। विजिलेंस को चिट्टे की तस्करी से कमाई हुई संपत्ति की जांच करने के लिए भी कहा गया है।
आपको बता दे कि साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से ड्रग्स की तस्करी आदि को रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स एडीजीपी हरप्रीत सिद्धू की अगुवाई में बनाई गई थी जिसने तब के एआईजी राजजीत सिंह की भूमिका पर अंगुली उठाई और इंस्पेक्टर इन्द्रजीत सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह के संबंधों पर अंगुली उठाई
राजजीत ने हाई कोर्ट में एक याचिका दर्ज करके इसकी जांच हरप्रीत सिंह सिद्धू की बजाए किसी अन्य अधिकारी से करवाने की मांग की जिस प हाई कोर्ट ने पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की अगुवाई में एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित कर दी। इसमें डायरेक्टर ऑफ इन्वेस्टिगेशन प्रबोध कुमार और आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह भी शामिल थे।
एसआईटी ने अपनी चार रिपोर्ट सीलबंद लिफाफों में हाई कोर्ट को साल 2018 में सौंप दी जो तभी से बंद पड़ी हुई थी। कुछ दिन पहले ही तीन रिपोर्टों को हाई कोर्ट ने खोलकर कार्रवाई के लिए सरकार को लिख दिया। रिपोर्ट में राजजीत सिंह और बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह के संबंधों पर अंगुली उठाई गई। एसआईटी ने जहां राजजीत सिंह की 2013 के बाद बनी संपत्ति की जांच करवाने के लिए सिफारिश की वहीं, बर्खास्त इंस्पेक्टर इन्द्रजीत सिंह के साथ उनके संबंधों की जांच कराने की भी सिफारिश की।
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तीन रिपोर्टों में मोगा के पूर्व एसएसपी राजजीत सिंह के बारे में कहा गया है कि उन्होंने पांच सालों में काफी प्रापर्टी अर्जित की है जो काफी महंगी है लेकिन उसे कम रेट पर ली दिखाया गया है। हालांकि रिपोर्ट में राजजीत ने इन आरोपों पर कहा कि यह प्रापर्टी उन्हें उनके पारिवारिक सदस्यों और मित्रों ने गिफ्ट दी है। राजजीत पर बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह को आउट आफ टर्न प्रमोशन देने और हर जिले में अपने साथ ले जाने, उन्हें नियमों के विपरीत जाकर सीआईए का प्रभारी बनाने के भी आरोप लगाए गए हैं।
रिपोर्ट में सीआईए इंचार्ज व विभिन्न थानों में प्रभारी रहने को लेकर सवाल भी उठाए गए। यह भी कहा गया कि सीआईए का प्रभारी उस जिले का सबसे सीनियर इंस्पेक्टर को बनाया जाता है लेकिन राजजीत ने तरनतारन जिले में 19 इंस्पेक्टर और 43 सब इंस्पेक्टर होने के बावजूद सीआईए का प्रभारी बना दिया जबकि वह इनमें सबसे जूनियर थे।