डेली संवाद, चंडीगढ़। World Strongest Creature – (Tardigrade) जीव का नाम आपने शायद ही सुना होगा है। ये जीव दिखने में काफी छोटे हैं। लेकिन वैज्ञानिक प्रयोग में काफी शक्तिशाली पाए गए हैं। धरती के सबसे कठोर जीव कहे जाने वाले ‘वॉटर बीयर’ (Water Bear) यानी टार्डिग्रेड्स (Tardigrade) को आप खौलते पानी में डाल दीजिए।
भारी वजन के नीचे कुचल डालिए या फिर अंतरिक्ष में फेंक दीजिए, ये जिंदा रह जाएंगे। इतना ही नहीं साल 2007 में वैज्ञानिकों ने हजारों टार्डिग्रेड्स (Tardigrade) को सैटेलाइट में डालकर स्पेस में भेज दिया।जब ये स्पेसक्राफ्ट धरती पर लौटा, तो देखा गया कि टार्डिग्रेड्स जीवित थे। यहां तक कि मादा टार्डिग्रेड ने अंडे भी दे रखे थे।
आमतौर पर इंसान 35 से 40 डिग्री के तापमान में ही परेशान हो जाता है, वहीं ये जीव 300 डिग्री फारेनहाइट तक तापमान को सहन कर सकता है। इतना ही नहीं ये जीव अंतरिक्ष के ठंड और मरियाना ट्रेच जैसे भारी दबाव वाले क्षेत्रों में भी जीवित रह सकता है।
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माना जा रहा है कि टार्डिग्रेड धरती के सबसे मजबूत जीव हैं, जो ज्वालामुखी से लेकर बर्फ में भी जीवित रह जाते हैं। यह अजीब जीव 300 डिग्री फारेनहाइट तक के तापमान को सहन कर सकता है. इतना ही नहीं, यह अंतरिक्ष की ठंड और मरियाना ट्रेच जैसे भारी दबाव वाले क्षेत्रों में भी जी जिंदा रह सकता है। ये आमतौर पर उन जगहों पर पाए जाते हैं, जो पानी की मौजूदगी के बाद सूख जाती हैं।
World Strongest Creature – सूखा होने पर टार्डिग्रेड के कुछ ऐसे जीन सक्रिय हो जाते हैं, जो उसकी कोशिकाओं में पानी की जगह ले लेते हैं। फिर वापस से मिलने पर ये कोशिकाओं को पानी से भर लेते हैं। इतना ही नहीं समय के साथ इस जीव में शुष्क माहौल में भी जीवित रहने और कई सालों बाद दोबारा पानी पाकर जिंदा हो उठने की क्षमता विकसित हो चुकी है।
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टार्डिग्रेड को पानी के भालू के रूप में भी जाना जाता है। ये 0.02 इंच लंबे और आठ पैरों वाले जीव हैं। टार्डिग्रेड्स, जिनके छोटे पंजे और कैटरपिलर और वुडलाइस के समान शरीर रचना है, को सक्रिय रूप से रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हालांकि, वे एनहाइड्रोबायोसिस की स्थिति में प्रवेश कर सकते हैं, जहां वे वर्षों तक लगभग पूर्ण निर्जलीकरण को सहन कर सकते हैं।
जब तक कि पानी फिर से उपलब्ध न हो जाए। यानी कई साल तक वे बिना खाए पीए जीवित रह सकते हैं। अन्य विशेषताएं टार्डिग्रेड्स को कई वर्षों तक बर्फ में जमे रहने और बाहरी अंतरिक्ष में बिना ऑक्सीजन और कॉस्मिक किरणों के संपर्क में रहने की अनुमति देती हैं। यह शोध साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
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