डेली संवाद, जोशीमठ। Joshimath Sinking: उत्तराखंड का जोशीमठ (Joshimath) इन दिनों सुर्खियों में है। यहां की जमीन धंस रही है जिसके चलते सैकड़ों घरों में दरारें आ गई हैं। अभी तक 148 भवनों को अनसेफ चिह्नित करते हुए इसे रहने योग्य नहीं माना था।
इस बीच जोशीमठ का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जिस पर सोमवार (16 जनवरी) को सुनवाई होनी है। जोशीमठ को राष्ट्रीय आपदा घोषित किए जाने की मांग उठ रही है।
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रविवार शाम को जोशीमठ के नए इलाकों में दरारें देखी गई है जहां अभी तक दरारें नहीं थी। ये दरारें होटल मलारी इन और माउंट व्यू से डेढ़ किलोमीटर दूर है यानी खतरा अब जोशीमठ के 9 वार्डों तक ही सीमित नहीं रह गया है, दूसरे इलाके भी इसकी जद में हैं। वहीं, आज सुप्रीम कोर्ट में जोशीमठ में भू-धंसाव संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए कोर्ट के दखल देने वाली याचिका पर सुनवाई होगी।
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बता दें कि बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य औली का प्रवेश द्वार जोशीमठ भू-धंसाव की एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। शीर्ष अदालत ने 10 जनवरी को यह कहते हुए याचिका पर तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया था कि स्थिति से निपटने के लिए लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार है और सभी महत्वपूर्ण मामले कोर्ट में नहीं आने चाहिए।
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