डेली संवाद, नई दिल्ली। FasTag: बिना फास्ट टैग वाले वाहनों से दोगुना टैक्स वसूलने को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि अब केंद्र को 6 हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करना होगा और याचिका में उठाए गए सवालों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को तय की गई है।
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याचिकाकर्ता के वकील प्रवीण अग्रवाल के मुताबिक सरकार ने टोल एक्ट में सबसे पहले सभी हाईवे को अनिवार्य रूप से फास्ट टैग हाईवे बनाया। बाद में कुछ संशोधनों के साथ हाईवे के टोल प्लाजा पर नॉन-फास्ट टैग के लिए कैश लेन बनाई गई।
अब एक और संशोधन के जरिए टोल प्लाजा में कैश लेन को खत्म कर दिया गया है, यानी अब बिना फास्ट टैग वाले वाहनों या जिनके फास्ट टैग में बैलेंस नहीं है, उन्हें दोगुना टोल टैक्स देना होगा।
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याचिका में यह भी कहा गया है कि यह दोगुनी रकम किसके खाते में जाती है। विवरण देना चाहिए। याचिका में इस फास्ट टैग और नॉन फास्ट टैग के टोल में दोगुने के अंतर की वसूली के दोहरे मानक को संविधान के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन बताया गया है। प्रवीण अग्रवाल के मुताबिक इस मसले पर केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय का ध्यान खींचा गया था।
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