डेली संवाद, महाराष्ट्र। Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य के रिहा करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच के जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने सुनाया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की स्पेश बेंच ने यह भी कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अब इसकी विस्तार से सुनवाई की जाएगी।
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शुक्रवार को न्यायाधीश जस्टिस रोहित देव और जस्टिस अनिल पंसारे की बेंच ने ट्रायल कोर्ट के फ़ैसले को पलटते हुए उन्हें बरी कर दिया। प्रोफ़ेसर साईबाबा ने ट्रायल कोर्ट के फ़ैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में चुनौती दी थी। शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रोफ़ेसर जीएन साईबाबा समेत पांच अन्य को भी रिहा करने का आदेश दिया था। ‘बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार ने तुरंत सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
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साई बाबा फिलहाल नागपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। उन्हें मई 2014 में नक्सलियों के साथ कथित संबंध के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जीएन साईंबाबा 90 प्रतिशत शारीरिक रूप से अक्षम हैं। उन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
इस मामले में पांच अन्य को भी सजा सुनाई गई थी। उन्होंने भी हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। दोषियों में से पांडु नरोटे का हाल ही में निधन हो गया , जबकि विजय तिर्की, महेश तिर्की, हेम मिश्रा, प्रशांत राही को भी हाईकोर्ट ने बरी करने का फैसला दिया।
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