डेली संवाद, राजस्थान। Congress President Election: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में नाम की चर्चा तेज हो गई है। उन्होंने खुद संकेत दिया है कि अगर पार्टी चाहे तो वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए तैयार हैं। गहलोत उन कांग्रेसी नेताओं में से एक हैं जिन्हें शासन और संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस छात्र संगठन एनएसयूआई से की और मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे।
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अशोक गहलोत ने 1973 में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। उसी वर्ष, वह कांग्रेस छात्र निकाय एनएसयूआई के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष बने। उनके संगठनात्मक कौशल को देखते हुए 1979 में उन्हें जोधपुर शहर कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। 1982 में कांग्रेस ने उन्हें ऊपर उठाकर राज्य कांग्रेस कमेटी में शामिल किया। उस वर्ष उन्हें महासचिव बनाया गया था।
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अशोक गहलोत ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव पद से लेकर अध्यक्ष पद तक का सफर तय किया। वह 1985 से 1989, 1994 से 1997 और 1997 से 1999 तक राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। वे जनवरी 2004 से 16 जुलाई 2004 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के विशेष सदस्य रहे। इस बीच, वह हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी भी थे।
वह कांग्रेस के महासचिव कब बने?
17 जुलाई 2004 को उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया गया। वह 18 फरवरी 2009 तक इस पद पर रहे। इस बीच, वह उत्तर प्रदेश और दिल्ली में कांग्रेस और सेवा दल से जुड़े सभी संगठनों के प्रभारी थे।
जब राहुल गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली, तो उन्होंने 30 मार्च 2018 को अशोक गहलोत को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया। उस साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सरकारें बनाईं। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 100 सीटों पर जीत हासिल की थी। 1990 के बाद से यह उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। उस समय अशोक गहलोत गुजरात के प्रभारी थे।
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