चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल कभी भी गिरफ्तार किए जा सकते हैं। सुखबीर बादल बेअदबी कांड के बाद अक्टूबर 2015 में कोटकपूरा में संगत पर चलाई गई गोलीकांड मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) के समक्ष आज पेश नहीं हुए। एसआईटी ने उन्हें समन भेजकर 30 अगस्त को पेश होने के लिए कहा था।
सुखबीर बादल को जीरा कोर्ट में पेश होना था। इस कारण उन्होंने एसआईटी को लिखकर भेज दिया है कि वह आज पेश नहीं हो पाएंगे। बता दें, जनवरी 2015 में उप मुख्यमंत्री होते हुए सुखबीर सिंह बादल ने ड्रग्स तस्करी को लेकर बीएसएफ के खिलाफ सीमा पर धरना दिया है।
जीरा कोर्ट में सुखबीर बादल पेश हुए
इस धऱने के कारण हरीके पत्तन पुल पर यातायात प्रभावित हो गया था। इसके कारण पुलिस ने सुखबीर बादल व अकाली नेताओं के खिलाफ पर्चा दर्ज किया था। सरकार होते हुए भी बीएसएफ के खिलाफ धरना देने को लेकर सुखबीर बादल की निंदा हुई थी। इस मामले में मंगलवार को जीरा कोर्ट में सुखबीर बादल पेश हुए हुए।
इस पेशी के कारण वह एसआईटी के समक्ष पेश नहीं हुए। अब एसआइटी उन्हें आगे समन भेजकर बुलाएगी। वहीं यह भी चर्चा है कि सुखबीर बादल अगर एसआईटी के समक्ष पेश होते तो शायद गोलीकांड के मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती थी। दरअसल, जिस समय पुलिस ने गोली चलाई थी उस समय सुखबीर बादल राज्य के गृह मंत्री थे। हालांकि सुखबीर बादल स्पष्ट कर चुके हैं कि तत्कालीन एसडीएम पहले ही यह बयान दे चुके हैं कि उनके आदेश पर गोली चलाई गई थी।
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गोली चलाने का आदेश देने के लिए उन पर कोई दबाव भी नहीं था, लेकिन सरकार पर आम लोगों का दबाव है कि गोलीकांड मामले में सुखबीर बादल की गिरफ्तारी की जाए। हालांकि बेअदबी मामले में शिरोमणि अकाली दल को पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है। बता दें, अकाली-भाजपा सरकार के दौरान हुए बेअदबी मामलों के बाद राजनीति काफी गरमा गई थी। बादल सरकार के दोबारा सत्ता में न आने के पीछे बेअदबी का दंश भी रहा।
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