चंडीगढ़। Akali Dal Crisis: शिरोमणि अकाली दल (बादल) के राष्ट्रीय प्रधान सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) के खिलाफ बगावत कर रहे नेताओं को अकाली दल (Akali Dal) ने करारा जवाब दिया है। अकाली दल की चंडीगढ़ में मीटिंग के बाद विरसा सिंह वल्टोहा (Virsa Singh Valtoha) ने कहा कि सुखबीर बादल प्रधान थे और प्रधान रहेंगे।
विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि झूंदा कमेटी की रिपोर्ट में कहीं भी सुखबीर बादल को प्रधानगी से हटाने का सुझाव नहीं था। वल्टोहा ने कहा कि हम सुखबीर बादल की अगुआई में पूरा भरोसा व्यक्त करते हैं। हमें उन पर मान है। सुखबीर दूरअंदेशी और विनम्र स्वभाव के नेता हैं। वह वर्करों के साथ खड़े रहते हैं और विरोधियों में खौफ पैदा करते हैं।
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वल्टोहा ने कहा कि हर पार्टी का यह नियम है कि नेता पार्टी फोरम पर बात करें, बाहर जाकर कुछ न कहें। यही नियम अकाली दल का भी है। अगर कोई बाहर जाकर कोई बात कहता है या पार्टी के प्रति किंतु-परंतु करता है तो वह पार्टी का हितैषी नहीं है। उन्होंने इशारों में बागियों को चेतावनी दी कि पार्टी के अंदर उनकी बात का वेलकम है लेकिन बाहर ऐसी बातों को बख्शा नहीं जाएगा।
अकाली दल की लगातार 2 विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद सुखबीर की प्रधानगी पर सवाल उठ रहे हैं। बागियों ने संकेत दिए कि सुखबीर बादल को प्रधानगी छोड़नी चाहिए थी। उन्होंने कोर कमेटी समेत सभी विंग भंग कर दिए लेकिन प्रधानगी नहीं छोड़ी। इसके बाद बागी रूख दिखा रहे मनप्रीत अयाली और प्रेम सिंह चंदूमाजरा समेत कई सीनियर नेता अमृतसर में मीटिंग कर चुके हैं।
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