डेली संवाद, जालंधर
मेयर जगदीश राजा और निगम कमिश्नर करणेश शर्मा के आदेश का पालन सिर्फ एक छोटी दुकान बनाने वाले गरीब तक ही लागू होते हैं, न कि अवैध रूप से कामर्शियल इमारत, शोरूम और चार मंजिला इमारतें बनाने वाला माफिया पर। जिससे शहर में छोटी दुकानें तो अवैध बताकर तोड़ी जा रही हैं, लेकिन बड़ी कामर्शियल इमारतों से बिल्डिंग ब्रांच के कुछ अफसर लाखों रुपए लेकर डील करते हैं।
जालंधर शहर में अवैध रूप से कामर्शियल इमारतों का निर्माण तेजी के साथ हो रहा है। ऐसे ही तीन कामर्शियल इमारतों की निर्माण बगैर नक्शा और सीएलयू के हो रहे हैं। ये इमारतें अशोक नगर और शहनाई पैलेस से बस्ती शेख रोड पर बन रही हैं। इन अवैध इमारतों के मालिकों ने एक नहीं, बल्कि तीन मंजिला कामर्शियल इमारत बना रहे हैं। जिससे नगर निगम के राजस्व को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
निगम के एक अफसर की मेहरबानी
नगर निगम के एक अफसर की मेहरबानी कहें, या लाखों रुपए से जेब भरने की बात, इन तीनों इमारतों से मोटी रकम निगम के ही एक अफसर ने उगाही की है। इसकी डील बिल्डिंग ब्रांच के दलाल के रूप में उभर रहे एक नेता ने करवाई है। शहनाई पैलेस से बस्ती शेख रोड, एसबीआई एटीएम के साथ नाजायज रूप से अवैध इमारत बन रही है। इसकी शिकायत RTI एक्टिविस्ट रवि छाबड़ा ने की है।
रवि छाबड़ा ने निगम कमिश्नर करणेश शर्मा को भेजी शिकायत में कहा है कि अशोक नगर में घई बैकरी व शुक्ला डेयरी के साथ अवैध रूप से कामर्शियल इमारत बन रह है।
इसके साथ ही यहां बड़ा शोरूम बनाया जा रहा है। शहनाई पैलेस से बस्ती शेख रोड पर दो बड़े शोरूम बिना किसी नक्शे के बन रहे हैं। जिससे निगम के खजाने को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।
शिकायत के बाद एटीपी वजीर राज ने कहा है कि इसकी चेकिंग की जाएगी। सूत्र बता रहे हैं कि ये तीनों इमारतें अवैध हैं। इस पर कार्रवाई के लिए एमटीपी मेहरबान सिंह से परमीशन मांगी गई थी, लेकिन इन तीनों इमारतों पर कार्रवाई के लिए अभी तक एमटीपी ने अनुमति नहीं दी है। उधर, इस संबंध में एमटीपी मेहरबान सिंह ने कहा कि इंस्पेक्टर से रिपोर्ट तलब की गई है।