डेली संवाद, जालंधर
समूह वाल्मीकि समाज की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम असिस्टेंट कमिश्नर जनरल (जालंधर) हरदीप सिंह को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि पावन वाल्मीकि तीर्थ (अमृतसर) को सरकारी कागजों में राम तीर्थ मत लिखा जाए। क्योंकि परमात्मा वाल्मीकि दयावान का वो आश्रम है उस आश्रम में परमात्मा वाल्मीकि दयावान ने माता सीता को सहारा दिया।
उसी तीर्थ पर लव कुश का पालन पोषण हुआ। उसी तीर्थ पर परमात्मा वाल्मीकि ने लव कुश को शिक्षा दीक्षा दी। ना ही श्री राम चन्द्र का अमृतसर में जन्म हुआ ना ही श्री राम चन्द्र अमृतसर में रहते थे। जब लव कुश ने श्री राम चन्द्र द्वारा छोड़े गए अश्वमेघ के घोड़े को पकड़ा था उस तीर्थ पर श्री राम चन्द्र लव कुश से युद्ध करने आये थे।
सरकारी कागजों में उस तीर्थ का नाम राम तीर्थ मत लिखा जाए। सरकारी कागजों में उस तीर्थ का सही नाम पावन वाल्मीकि तीर्थ लिखा जाए-जिसमें विशाल द्रविड़, अनिल वाल्मीकिन, अमन तेजी, सुमित थापर, सोनू गिल, रवि कुमार गौतम नाहर आदि मौजूद थे।
मुख्यमंत्री चन्नी की पहली कैबिनेट मीटिंग, देखें LIVE
https://youtu.be/w3W62JXdVrg