पं. भागीरण भूषण पाण्डेय
संपादक (धर्म), डेली संवाद
भाद्रपद महीने की पूर्णिमा यानी कि आज 20 सितंबर 2021 से पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021) शुरू हो रहे हैं. हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को बहुत अहम माना गया है. 15 दिनों के इस समय में लोग अपने पूर्वजों (Ancestors) को याद करक उनकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म करते हैं. ताकि पूर्वजों का आशीर्वाद पाकर जिंदगी में सफलता, सुख-समृद्धि पा सकें।
वहीं पूर्वजों की नाराजगी कई मुसीबतों का कारण बनती है. धर्म पुराणों में पितृ पक्ष को लेकर कुछ नियम (Pitru Paksha Rules) बताए गए हैं. जिनका पालन जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि पितृ पक्ष के 15 दिनों में पूर्वज अपने परिजनों के पास रहने के लिए धरती पर आते हैं इसलिए व्यक्ति को ऐसे काम करने चाहिए जिससे पितृ प्रसन्न रहें।
पितृपक्ष में आपके लिए जरूरी बातें
- गलती से भी सूर्यास्त के बाद श्राद्ध (Shradh 2021) न करें. ऐसा करना अशुभ होता है।
- इस दौरान बुरी आदतों, नशे, तामसिक भोजन से दूर रहें।
- पितृ पक्ष में कभी भी शराब-नॉनवेज, लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए. ना ही लौकी, खीरा, सरसों का साग और जीरा खाना चाहिए।
- इस दौरान अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान दिखाते हुए सादा जीवन जिएं. कोई भी शुभ काम न करें।
- जो व्यक्ति पिंडदान, तर्पण आदि कर रहा है उसे बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए. साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- पितृ पक्ष में किसी पशु-पक्षी को न सताएं. ऐसा करना संकटों को बुलावा देना है. बल्कि इस दौरान घर आए पशु-पक्षी को भोजन दें।
- मान्यता है कि पूर्वज पशु-पक्षी के रूप में अपने परिजनों से मिलने आते हैं।
- इस दौरान ब्राह्राणों को पत्तल में भोजन कराएं और खुद भी पत्तल में भोजन करें।
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