डेली संवाद, चंडीगढ़
राज्य में धान की कटाई की शुरुआत से पहले ही पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए आगामी प्रबंधों के अंतर्गत मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन ने आज लाल श्रेणी वाले दस जिलों, जिनमें धान के पिछले सीज़न के दौरान पराली जलाने के 4000 से अधिक मामले सामने आए थे, में विशेष टास्क फोर्स तैनात करने के आदेश दिए, जिससे पराली को आग लगाने के रुझान को रोकने सम्बन्धी उपायों को सख़्ती से लागू किया जा सके।
इसके अलावा उन्होंने कोविड-19 महामारी के मद्देनजऱ साँस की बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए गाँव, कलस्टर, तहसील और जि़ला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए भी कहा। पराली जलाने को रोकने के लिए की गई तैयारियाँ और उठाए गए कदमों की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने पशुपालन विभाग को गोशालाओं में रखे गए पशुओं के लिए धान की पराली को चारे के तौर पर बरतने के तरीके तलाशने के लिए कहा।
धान की पराली के भंडारण के लिए विस्तृत प्रबंध करने के निर्देश
उन्होंने सभी डिप्टी कमिश्नरों को धान की पराली के भंडारण के लिए विस्तृत प्रबंध करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने बताया कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पी.पी.सी.बी.) द्वारा पंजाब रिमोट सेंसिंग सैंटर (पीआरएससी) से ऐंडरॉयड और आईओएस प्लेटफार्मों के लिए मोबाइल ऐप तैयार करवाई गई है, जिसको 15 सितम्बर तक चालू कर दिया जाएगा। इसमें मुकम्मल रिपोर्टिंग और इस सीज़न के दौरान पराली जलाने की हरेक घटना पर की गई कार्रवाई के लिए विभिन्न अधिकारियों को भूमिका आधारित लॉग इन (गाँव, कलस्टर, सब डिवीजऩ और जि़ला स्तर) दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पी.आर.एस.सी., लुधियाना में सभी फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पी.आर.एस.सी. खेतों में पराली जलाने की रिपोर्टिंग और जानकारी के एक ही तरह से प्रसार के लिए इसरो द्वारा अपनाए गए प्रामाणित प्रोटोकॉल की पालना कर रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि पराली जलाने के मामलों सम्बन्धी शिकायतों/जानकारी प्राप्त करने के लिए पी.पी.सी.बी. द्वारा 15 सितम्बर तक वाट्सऐप कॉल सैंटर भी चालू कर दिया जाएगा।
गाँव स्तर पर 8000 नोडल अधिकारी नियुक्त किए जा रहे
लाल श्रेणी वाले जिलों संगरूर, बठिंडा, फिऱोज़पुर, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, मानसा, तरन तारन, बरनाला और लुधियाना के डिप्टी कमिश्नरों को रोकथाम उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए विशेष टास्क फोर्स तैनात करने के लिए कहा गया है। मुख्य सचिव को बताया गया कि धान के मौजूदा सीज़न के लिए गाँव स्तर पर 8000 नोडल अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं।
फ़सल अवशेष जलाने सम्बन्धी निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा के दौरान श्रीमती महाजन को अवगत करवाया गया कि 97.5 मेगावॉट क्षमता वाले 11 बायोमास पावर प्रोजैक्ट पहले ही चालू किए जा चुके हैं, जिनमें सालाना 8.8 लाख मीट्रिक टन धान की पराली का उपभोग होगा। इनके अलावा जालंधर और फ़तेहगढ़ साहिब जिलों में 14 मेगावॉट के दो बायोमास पावर प्रोजैक्ट प्रगति अधीन हैं, जो सालाना 1.2 लाख मीट्रिक टन धान की पराली का प्रयोग करेंगे।
सालाना 8.774 लाख मीट्रिक टन पराली
राज्य में 262.58 टीपीडी सीबीजी के 23 सीबीजी प्रोजैक्ट विभिन्न स्थानों पर प्रगति अधीन हैं, जो सालाना 8.774 लाख मीट्रिक टन पराली का निपटारा करेंगे। एच.पी.सी.एल. द्वारा बठिंडा जि़ले में तलवंडी साबो में बायो-ईथानोल प्रोजैक्ट (बायोफ्यूल पर आधारित फूड ग्रेड ईथानोल का प्रतिदिन 100 किलो लीटर उत्पादन) स्थापित किया जा रहा है। इस प्रोजैक्ट के फरवरी 2023 तक चालू होने की संभावना है, जो प्रति साल 2 लाख मीट्रिक टन पराली का निपटारा करेगा।