डेली संवाद, चंडीगढ़
दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान प्रदर्शन के दौरान पत्रकार पर हुए कथित हमले की निंदा करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी द्वारा किसानों को गुंडा कहने के लिए उसके तुरंत इस्तीफे की माँग की है। भाजपा नेता जिसने पिछले करीब आठ महीनों से केंद्रीय कृषि कानूनों के खि़लाफ़ शांतमयी प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए अपमानजनक शब्दावली इस्तेमाल की, की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे भाजपा की किसान विरोधी मानसिकता का दिखावा हुआ है।
भाजपा द्वारा रोष और असहमति की सभी आवाजों को दबाने के लिए की जा रही घिनौनी हरकतों के बावजूद सच्चाई यह है कि वह किसानों की भावना को तोड़ने में असफल हुए हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एन.डी.ए. सरकार द्वारा केंद्र के खि़लाफ़ उठ रही हर एक आवाज़ को दबाने के लिए की जा रही निरंतर कोशिशों की निंदा करते हुए कहा कि ताज़ा घटनाक्रम में दैनिक भास्कर मीडिया ग्रुप पर आयकर का छापा मारा गया है।
पत्रकार पर हमला करना निंदनीय है
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालाँकि किसान संसद को कवर कर रहे पत्रकार पर हमला करना निंदनीय है और दोषी व्यक्ति के खि़लाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए परंतु केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया पूरी तरह अनावश्यक और भड़काऊ है। उन्होंने कहा कि लेखी को कोई अधिकार नहीं कि वह इस तरीके से किसानों को बदनाम करे। दिल्ली पुलिस को केस दर्ज करके दोषियों की पहचान करनी चाहिए और कानून को अपना काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस घटना को लेकर इस निर्दयी तरीके से किसानों की आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं।
दिल्ली बार्डर पर आंदोलन शुरू करने के समय पर से लेकर अलग-अलग भाजपा नेताओं की तरफ से किसानों के खि़लाफ़ की निरादर भरी टिप्पणियों का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र का सत्ता पक्ष शुरुआत से ही किसानों को बदनाम करने और उनके शांतमयी आंदोलन को नुकसान पहुँचाने की कोशिशें कर रहा है। उन्होंने याद करते हुये कहा कि भाजपा नेताओं ने इससे पहले भी किसानों पर आतंकवादी और शहरी नक्सलवादी होने के आरोप लगा कर बदनाम करने की कोशिश की थी।