डेली संवाद, जालंधर
जालंधर में मृत व्यक्ति की संपत्ति की पावर आफ अटार्नी और फिर उस सपंत्ति को 20 लाख रुपए में सौदा करने वाले रायल पैलेस के मालिक आनंद वर्मा उर्फ आशू की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। माडल हाउस कालोनी की रहने वाली आशा रानी ने कनैडियन, अमेरिकन अंबेसी समेत एयर पोर्ट अथारिटी आफ इंडिया व दिल्ली एयरपोर्ट को पत्र लिख कर कहा है कि 20 लाख की धोखाधड़ी करने वाला आशू विदेश भागने की फिराक में है।
आशा रानी की तरफ से भेजी गई शिकायत में कनैडियन, अमेरिकन अंबेसी समेत एयर पोर्ट अथारिटी आफ इंडिया व दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों से कहा गया है कि आनंद वर्मा उर्फ आशू पर जालंधर पुलिस ने जालसाजी और ठगी का परचा दर्ज किया है। आनंद वर्मा के खिलाफ पुलिस थाने में धारा 406, 420, 465, 467, 468, 471 और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज है।
आशा रानी ने कहा है कि 21 मई को जालंधर पुलिस ने आशू समेत 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज कर लिया, लेकिन अभी तक किसी भी जालसाल को गिरफ्तार नहीं किया गया। आशा रानी ने संदेह व्यक्त किया है कि आनंद वर्मा उर्फ आशू कनाडा या अमेरिका भाग सकता है। इसलिए उन्होंने कनाडा और अमेरिका की दिल्ली स्थित अंबेसी में शिकायत और पुलिस की एफआईआर की कापी भेजी है। इसके साथ ही एयर पोर्ट अथारिटी समेत दिल्ली एयरपोर्ट को कापी भेजी है।
यह है मामला
पुलिस कमिश्नर को दिए शिकायत में इंग्लैंड में रहती एनआरआई चंद्रकांता शर्मा ने कहा कि साल 2002 में उनके पति प्रबोध चंदर शर्मा का जालंधर के टैगोर अस्पताल में निधन हो गया था। पति की मौत के बाद ग्रोवर कालोनी की 34 मरला जमीन चंद्रकांता के नाम हो गई। जिसका इंतकाल भी चढ़ गया। चंद्रकांता के मुताबिक अगस्त 2020 में उन्हें पता चला कि जाली दस्तावेजों के सहारे जोगिंदर पाल वर्मा के बेटे आशू उर्फ आनंद वर्मा व अन्य लोगों ने उनकी प्रापर्टी अपने नाम करवा कर बेच दी है।
चंद्रकांता ने शिकायत में कहा कि आनंद वर्मा ने कांग्रेस की एक नेत्री के जेठ के ड्राइवर को उनके मृतक पति के नाम पर जाली आधार कार्ड बनाकर पूरी प्रापर्टी की पावर आफ अटार्नी अपने मैनेजर दीपक रज्जाक के नाम पर करवा दिया। इसमें सब रजिस्ट्रार और इलाके का पटवारी भी मिला हुआ है। यही नहीं इलाके का लंबरदार भी इसमें मिला हुआ है। इस फर्जीवाड़ा में चमनलाल, दलजीत सिंह, रोहित, बलदेव सिंह की भी मिलीभगत ऱही।
पुलिस ने दबाया, डेली संवाद ने एक्सपोज किया
पुलिस ने बड़ी हैरानीजनक तरीके से इस मामले को पटाक्षेप कर दिया। जांच अधिकारी ने एनआरआई महिला को कोर्ट कचेहरी की बात कह कर मामले को रफा-दफा करवा दिया। इस दौरान जांच अधिकारी ने फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों को अभयदान देते हुए उक्त जमीन का फिर से एनआरआई महिला के नाम पर रजिस्ट्री करवा दिया। इन जालसाजों से तीसरी पार्टी ने अपना 20 लाख रुपए वापस मांगा। दीपक रज्जाक ने इस प्रापर्टी का सौदा तीन अन्य लोगों से कर लिया था।
इनसे अलग-अलग 20 लाख रुपए भी दीपक रज्जाक ने लिया। आशा, वीना और हनीश कुमार से दीपक रज्जाक ने 33 मरले प्लाट का बयाना 20 लाख रुपए लिए। आशा, वीना और हनीश कुमार को जब पता चला कि उनके साथ फ्राड हुआ है, तो उन लोगों ने दीपक रज्जाक ने अपने 20 लाख रुपए वापस मांगे। लेकिन रज्जाक महज 6 लाख देने पर राजी हुआ। जिससे आशा, वीना और हनीश ने इस मामले की फिर से पुलिस कमिश्नर से शिकायत कर दी। इस पूरे स्कैम को डेली संवाद ने एक्सपोज किया।