लखनऊ। Amitabh Thakur News: उत्तर प्रदेश के आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर, राजेश कृष्ण व राकेश शंकर को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया है। तीनों को अनिवार्य सेवनिवृत्ति दी गई है। इसमें आईजी रूल्स एवं मैनुअल अमिताभ ठाकुर पर कई मामलों में जांच चल रही थी, जबकि बाराबंकी में पीएसी की 10वीं बटालियन के सेनानायक राजेश कृष्ण पर आजमगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप था। इसी तरह डीआईजी स्थापना राकेश शंकर पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे।
सरकार को अक्सर ही अपनी हरकतों से असहज करने वाले आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर समय पूर्व सेवानिवृत्त कर दिया है। केंद्र ने विशेष प्रविधानों का इस्तेमाल करते हुए उनके तथा दो अन्य आइपीएस अफसरों के खिलाफ यह कार्रवाई की है। अखिल भारतीय पुलिस सेवा से जबरिया रिटायर किए गए अमिताभ ठाकुर ने इसके बाद एक ट्वीट भी किया है।
अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई
उत्तर प्रदेश में आईजी रूल्स एंड मैन्युअल के पद पर कार्यरत अमिताभ ठाकुर को आइपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई। अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाये रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तात्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद अमिताभ ठाकुर ने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि मुझे अभी-अभी वीआरएस (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ। सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिये। जय हिन्द।
इस संबंध में 17 मार्च 2021 का भारत सरकार के ग़ृह मंत्रालय की तरफ से आदेश जारी हुआ कि अमिताभ ठाकुर लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त नहीं हैं। इस आदेश के क्रम में अब प्रदेश के गृह विभाग की तरफ से उन्हें जबरन रिटायर करने का आदेश जारी हो गया है। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी के आदेश के अनुसार गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के 17 मार्च 2021 के आदेश द्वारा अमिताभ ठाकुर, आईपीएस, आरआर-1992 को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए अखिल भारतीय सेवाएं (डीसीआरबी) नियमावली-1958 के नियम-16 के उपनियम 3 के अंतर्गत लोकहित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पहले सेवानिवृत्त किए जाने का निर्णय लिया गया है।
आदेश में अपर मुख्य सचिव ने आगे लिखा है कि गृह मंत्रालय के आदेश के क्रम में राज्यपाल नियमानुसार अमिताभ ठाकुर को लोकहित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत्त करने और उनको तीन महीने के उनके वेतन और भत्तों के बराबर की धनराशि, जो उनकी सेवानिवृत्ति के ठीक पहले उनके द्वारा अहरित की जा रही धनराशि के समान दर पर आगणित कर दिए जाने के निर्देश देते हैं।