डेली संवाद, नई दिल्ली
दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसान परेड के दौरान तय रूट का उल्लंघन करके लाल किले की ओर जाने के मामले में भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने बड़ा दावा किया है। सुरजीत सिंह ने कहा कि इस मामले में 7 किसान यूनियन शामिल थे, लेकिन महज 2 यूनियन को कमेटी से अलग किय़ा गया। पांच यूनियन को आखिर में क्यों कार्रवाई नहीं की गई।
सुरजीत सिंह फूल के मुताबिक भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) सहित सात किसान संगठनों के कार्यकर्ता वहांं गए थे, जबकि मामले में पंजाब के किसान संगठनों के मोर्चे ने केवल दो संगठनों पर ही कार्रवाई कि और उन्हें मंच पर आने नहीं दिया जा रहा। जिन दो संगठनों पर कार्रवाई की गई है उनमें एक उनका व दूसरा आजाद किसान कमेटी है।
आपको बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में हिंसा में सात किसान यूनियनों का नाम सामने आया था। इसमें गुरनाम सिंघ चढूनी, मेजर सिंह पूनावाला, बलदेव सिंह निहालगढ़, बलदेव सिंह सिरसा और मंजीत सिंह राय पर किसान यूनियन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि सुरजीत सिंह फूल और हरपाल संघा पर ही कार्रवाई की गई।
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