नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में हेल्थ और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि कोविड-19 संकट के बाद से अबतक सरकार कई मिनी बजट ला चुकी है। उन्होंने कहा कि यह बजट छह प्रमुख स्तंभों पर आधारित है। कोरोना महामारी की वजह से इस बार का बजट पेपरलेस हो चुका है। वित्त मंत्री ने एक टैब के जरिए अपना तीसरा बजट पेश किया। यह केंद्रीय बजट (Union Budget 2021-22) काफी अधिक अहम रहा क्योंकि वित्त मंत्री ने कोरोना संकट के बीच यह बजट पेश किया।
कॉपर और स्टील में ड्यूटी को घटाया गया है। सोने-चांदी की कस्टम ड्यूटी को घटाया गया। विदेश से कपड़ों का इंपोर्ट महंगा होंगे। कॉटन पर 10 प्रतिशत ड्यूटी बढ़ी। कुछ लेदर उत्पाद कस्टम ड्यूटी से बाहर।
अफोर्डेबल हाउसिंग और रेंटल हाउसिंग
एक साल तक के लिए बढ़ी डेढ़ लाख रुपये तक की छूट। जिसकी घोषणा साल 2019 में की गई थी। अफोर्डेबल हाउसिंग उपलब्ध करवाने वालों को भी यह सुविधा दी जाएगी। मैं वर्तमान 6 वर्षों से आकलन (कर निर्धारण) को 3 साल के लिए फिर से खोलने की समय सीमा को कम करने का प्रस्ताव करती हूं।
आम करदाता को नहीं मिली कोई राहत
टैक्स पेयर पर बोझ डालने का वक्त नहीं। टैक्स सिस्टम पारदर्शी रखने का वक्त है। आम करदाता को टैक्स में कोई नई छूट नहीं। जीएसटी अब चार साल पुरानी हो गई है। जीएसटीएन सिस्टम की क्षमता भी बढ़ाई गई है। फेक बिलर्स की पहचान हो रही है। पिछले कुछ महीनों में रेकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन हुआ है। टैक्स ऑडिट की लिमिट 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने का प्रस्ताव। इस तरह सरकार ने टैक्सेशन सिस्टम की जटिलता को खत्म करने का प्रयास किया।
इलेक्ट्रॉनिक सामान मंहगा होगा
इनकम टैक्स के सेक्शन 80EA के तहत अब छूट को 31 मार्च, 2022 तक लिए गए लोन पर लागू किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगा होगा, मोबाइल और उसके चार्जर महंगे होंगे। स्टील और लोहे उत्पाद सस्ते होंगे। मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी का 2.5 प्रतिशत लगेगा।
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