नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के दिन लाल किला की प्राचीर पर किसान संगठन और निशान साहिब का झंडा फहराने वाले अभिनेता दीप सिद्धू के साथ साथ लक्खा सिधाना का नाम भी सुर्खियों में है। दीप सिद्धू ने न केवल झंडा फहराया, बल्कि मंच पर काबिज हुए, नारा भी लगाया और इससे पहले ट्रैक्टर रैली को रिंग रोड की तरफ मोड़ने में भी उनकी ही भूमिका सामने आ रही है। ये वही दीप सिद्धू हैं जिनकी भाजपा सांसद और फिल्म अभिनेता सनी देओल और प्रधानमंत्री के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। एक तस्वीर में वह केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ नजर आ रहे हैं।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि किसानों के आंदोलन को भटकाने वाले दीप सिद्धू ही हैं। दीप सिद्धू को किसान संगठनों ने पहले ही अपने आंदोलन से अलग कर रखा है। किसान नेता राजेवाल ने भी आरोपों का ठीकरा सिद्धू के मत्थे मढ़ा। किसान नेता हरमीत सिंह कादियान का भी कहना है कि किसान आंदोलन को किसी के ईशारे पर भटकाया गया। भाकियू नेता राकेश टिकैत मंगलवार से ही कह रहे हैं कि किसानों के आंदोलन को बदनाम करने वाले चिन्हित किए जा चुके हैं।
किसान अक्षरधाम मंदिर के पास तक पहुंच गए थे
भारतीय किसान यूनियन (असली, अराजनैतिक) के प्रमुख चौधरी हरपाल सिंह ने कहा कि सुबह 10.30 बजे के करीब हमारे कुछ किसान रास्ता भटक कर फ्लाईओवर पर चढ़ गए थे। ये किसान अक्षरधाम मंदिर के पास तक पहुंच गए थे, लेकिन बाद में हमने बुलाया और हमारी ट्रैक्टर परेड दिल्ली पुलिस से तय शर्तों के अनुसार ही निकली है। किसान नेता योगेन्द्र यादव लगातार कह रहे हैं कि उन्होंने कई बार दीप सिद्धू को किसानों के आंदोलन से दूर रहने के लिए कहा था। सभी किसान नेताओं का कहना है कि केन्द्र सरकार को किसान आंदोलन को बदलानम करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
दीप सिद्धू भी आए सामने
दीप सिद्धू का फेसबुक के माध्यम से एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में दीप सिद्धू कह रहे हैं कि किसान आंदोलन को सांप्रदायिक रंग देकर कट्टरपंथियों द्वारा बदनाम किया जा रहा है। दीप सिद्धू ने कहा कि प्रतीकात्मक विरोध के रूप में उन्होंने निशान साहिब और किसान संगठन का झंडा लहराया था। उन्होंने किसान एकता मंच जिंदाबाद का नारा भी लगाया था। दीप सिद्धू ने सफाई में जारी वीडियो में कहा कि तिरंगा झंडा पहले से लहरा रहा था और इस दौरान उसका कोई अपमान नहीं किया गया। सिद्धू कहते हैं कि जब लोगों के वास्तविक अधिकारों को नजरअंदाज किया जाता है तो इस तरह के जन आंदोलन में लोगों का गुस्सा भड़क उठता है। आज की स्थिति में भी वह गुस्सा भड़क गया। निशान साहिब के झंडे को भी उन्हें प्रेम और सर्व धर्म सद्भाव का प्रतीक बताया।