वाशिंगटन। अमेरिका ने एच-1बी वीजा के लिए चयन की प्रक्रिया में बदलाव किया है। यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने एच-1बी के चयन के लिए मौजूदा लॉटरी प्रक्रिया की जगह वेतन और कौशल को तवज्जो दी है। नए नियम के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि उसके अस्थाई रोजगार कार्यक्रम से उच्च स्किल वाले विदेशी प्रोफेशनंस को ज्यादा पायदा हो।
अक्तूबर 2020 में ट्रंप प्रशासन ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी पेशेवरों को एच-1बी वीजा देने के लिए कंप्यूटरीकृत लॉटरी व्यवस्था को समाप्त कर इसके स्थान पर वेतन आधारित चयन प्रक्रिया अपनाने का प्रस्ताव दिया था।
ज्यादा वेतन मिलने का रास्ता हुआ साफ
कंप्यूटरीकृत लॉटरी की व्यवस्था को समाप्त करने से अमेरिकी कर्मचारियों के भत्तों पर पड़ने वाला दबाव कम होगा जो हर साल कम वेतन वाले एच-1बी वीजा धारकों के आने से पड़ता है। यानी अब कर्मचारियों के लिए ज्यादा वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है और अब वे ऊंचे पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे। नए नियमों में लॉटरी सिस्टम के बदले स्किल पर फोकस किया गया है।
एच-1बी वीजा चयन प्रक्रिया में संशोधन से नियोक्ताओं को उच्च वेतन और उच्च पदों पर आवेदन जारी करने में प्रोत्साहन मिलेगा। इससे कंपनियों को जरूरत के मुताबिक कर्मचारियों को रखने में मदद मिलेगी।
मालूम हो कि अंतिम नियम फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित होने के 60 दिन बाद प्रभावी होंगे। एच-1बी वीजा कार्यक्रम के लिए आवेदन करने का अगला चरण एक अप्रैल 2021 से शुरू हो रहा है। यह नियम प्रभावी होने के दिन या उसके बाद से एच-1बी वीजा के लिए सभी तरह के रजिस्ट्रेशन पर लागू होगा।
एक साल में जारी होते हैं 65,000 एच-1बी
अमेरिकी कांग्रेस के नियमों के अनुसार, एक साल में 65,000 एच-1बी जारी किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त 20,000 वीजा STEM सब्जेक्ट्स से किसी अमेरिकी यूनिवर्सिटी से हाईयर स्टडी पूरी कर चुके विदेशी छात्रों के लिए जारी किए जाते हैं। एच-1बी गैर-आव्रजक वीजा होता हैं, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को विशेष तकनीकी दक्षता वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति होती है। इस वीजा के जरिए प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं।