नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से देश को थोड़ी राहत मिली कि अब बर्ड फ्लू ने चिंता बढ़ा दी है। कई राज्यों में भारी तादाता में पक्षियों की मौत हो गई है। हरियाणा के पंचकुला में एक लाख से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत की खबर आ रही है। इसको लेकर हरियाणा पशुपालन और डेयरी विभाग ने इसके सटीक कारण का पता लगाने के लिए व्यापक फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है।
देश के सबड़े बड़े पोल्ट्री इलाकों में से एक पंचकुला से मरने वाले पक्षियों के 80 से अधिक नमूने इकट्ठा किए गए हैं। पक्षियों के खून, उन्हें दिया गया भोजन और मृत पक्षियों के जालंधर के क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला (RDDL) को भेजा गया है। नमूनों को पशुपालन और डेयरी विभाग के महानिदेशक डॉ. बीएस लौरा की देखरेख में जब्त किया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि पोल्ट्री पक्षियों के बीच वायरस के अत्यधिक रोगजनक और आनुवंशिक तनाव की संभावना का पता लगाने के लिए नमूनों को जब्त कर लिया गया।
कुछ प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि
राजस्थान, केरल और मध्य प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश में भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पोंग बांध झील क्षेत्र में मृत पाए गए कुछ प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि की है।
राजस्थान में भी कई जिलों में पक्षियों की मौत हुई है। राज्य के विभिन्न जिलों में सोमवार को 170 से अधिक पक्षियों की मौत के मामले सामने आए। पशुपालन विभाग के अनुसार राज्य में 425 से अधिक कौवों, बगुलों और अन्य पक्षियों की मौत हुई है।
झालावाड़ के पक्षियों के नमूनों को जांच के लिये भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजा गया था, जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है जबकि अन्य जिलों के पक्षियों के नमूनों की जांच के परिणाम अब तक नहीं मिले हैं।
‘केरल में 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा’
केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने कहा कि एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए करीब 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा। कोट्टायम जिला प्रशासन ने कहा कि नींदूर में एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू पाया गया है और वहां करीब 1,500 बत्तख मर चुकी हैं।