डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने हड़ताल पर चल रहे कर्मचारियों को पंजाब के भले और कोविड-19 के साथ लड़ रहे राज्य के हित में तुरंत हड़ताल वापस लेने की अपील की है। यहाँ से जारी एक बयान में वित्त मंत्री ने कहा कि तालाबन्दी का ऐलान होने के बाद तेलंगाना, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों ने अपने खर्चों को घटाने के लिए अपने कर्मचारियों के वेतन पर 50-60 प्रतिशत की कटौती की है।
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इसके अलावा उड़ीसा और आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों ने 50 प्रतिशत वेतन देर से देने का आदेश जारी किया था जबकि पंजाब के कर्मचारियों और पैंशनरों को सरकार ने पूरा वेतन और पूरी पैंशन दी है। इसके अलावा बिजली सब्सिडी, कर्जे की किश्तें और बुढ़ापा पैंशन और सामाजिक सुरक्षा पैंशन देने में भी कोई देरी नहीं की।
पहली तिमाही में भी राज्य को बड़ा नुक्सान हुआ
उन्होंने कहा कि हालाँकि राज्य की आय पर तालाबन्दी का बहुत बुरा प्रभाव पड़ा और शुरुआत में कुल राजस्व में 25 प्रतिशत के घाटे का अनुमान था जोकि 2020-21 के दौरान 26400 करोड़ रुपए हो सकता है जिसकी दर 30 प्रतिशत बनती है। तालाबन्दी के कारण पंजाब को अप्रैल 2020 में राज्य के टैक्स राजस्व कुलैकशन में बजट लक्ष्य के मुकाबले 80 प्रतिशत की कमी हुई है जोकि पिछले साल (2019-20) के मुकाबले 77 प्रतिशत कम है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी राज्य को बड़ा नुक्सान हुआ है जोकि 5576 करोड़ रुपए बनता है जोकि बजट लक्ष्यों से 54 प्रतिशत कम है।
वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में राज्य सरकार कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती परन्तु इससे राज्य पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा और पंजाब को इसकी दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती और नये साधनों पर बहुत ज्यादा खर्च करना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि इस सबकुछ के बावजूद पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ने दिया और प्रत्येक को 100 प्रतिशत वेतन और पैंशन समय पर अदा की।
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जनवरी 2020 से सेवामुक्त होने वाले कर्मचारियों को प्रोवीजन पैंशन दी ताकि तालाबन्दी के दौरान उनको कोई मुश्किल न आए। सरकारी कर्मचारी जो कोरोना जंग के दौरान अपनी जान गवा बैठे हैं उनके पारिवारिक सदस्यों को ऐक्स ग्रेशिया अनुदान भी बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर दिया गया है।