नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के चलते इस साल दिल्ली में मुहर्रम के दौरान जुलूस निकालने पर पाबंदी रहेगी। इसके साथ ही गणेश चतुर्थी पर पांडाल नहीं सजेंगे साथ ही मूर्ति विसर्जन पर भी रोक है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के एक अधिकारी के अनुसार, सामुदायिक स्तर पर पर्व मनाने की अनुमति नहीं है, क्योंकि महामारी को देखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सामूहिक रूप से एकत्रित होने की मनाही है।
[ads2]
दरअसल, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के 2015 के आदेश के अनुसार यमुना में मूर्ति विसर्जन पर पाबंदी है। पिछले साल दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थल पर मूर्ति विसर्जन के लिए कृत्रिम तालाब बनाए थे। अधिकारी ने कहा कि इस साल संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए यह भी संभव नहीं है।
50 हजार रुपए का जुर्माना
डीपीसीसी के अनुसार, आगामी पर्व पर यमुना या किसी अन्य जलाशय, सार्वजनिक स्थल, तालाब या घाट पर प्रतिमा विसर्जन की अनुमति नहीं दी। डीपीसीसी ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण संस्था ने लोगों से कहा है कि वे घर में ही बाल्टी या किसी अन्य पात्र में विसर्जन की रीति पूरा करें।
[ads1]
डीपीसीसी ने नगर निगमों और जिला मजिस्ट्रेटों (Magistrates) को निर्देश दिया है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकार की ओर से जारी ‘अनलॉक तीन’ के दिशा निर्देशों के अनुसार “गणेश पूजा और मूर्ति विसर्जन जैसे धार्मिक आयोजन और सामूहिक रूप से एकत्र होने की अनुमति नहीं है” तथा इस आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाए।