नई दिल्ली। कोरोना महामारी (COVID-19) के बढ़ते मामलों की वजह से आज से देशभर में लॉकडाउन के तीसरे फेज की शुरुआत हो चुकी है. लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे के किराया लेने का फैसला सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की नई वजह बन गया है. ऐसे में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐलान किया कि मजदूरों, कामगारों के घर लौटने की रेल यात्रा का खर्च कांग्रेस प्रदेश कमिटी उठाएगी।
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कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ाया गया है. सरकार ने शुक्रवार से फंसे हुए मजदूरों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेनें चलानी शुरू की हैं. रेलवे के सर्कुलर के मुताबिक, स्थानीय सरकारी अधिकारी अपने द्वारा क्लियर किए गए मजदूरों को टिकट सौंपेंगे. उनसे टिकट का किराया वसूल करेंगे और कुल राशि रेलवे को सौंप देंगे. इसकी आलोचना करते कांग्रेस ने मजदूरों के लिए बड़ा ऐलान किया है।
सोनिया गांधी का बयान ट्वीट किया गया
कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान ट्वीट किया गया है, जिसमें कहा गया है, ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी।
सोनिया गांधी ने यह सवाल भी किया कि जब रेल मंत्रालय ‘पीएम केयर्स फंड’ में 151 करोड़ रुपये का योगदान दे सकता है, तो श्रमिकों को बिना किराये के यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकता? उन्होंने एक बयान में कहा, ‘श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं. उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है. सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाउन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए।
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