डेली संवाद, लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक समान शिक्षा के माध्यम से सामाजिक विषमता को दूर किया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने ढाई वर्ष पहले एनसीआरटी के पाठ्यक्रम को पूरे प्रदेश में लागू किया। यह पाठ्यक्रम पूरी शिक्षा व्यवस्था को बदलकर रख देगा। शिक्षा के क्षेत्र में किसी के साथ कोई भेदभाव न हो और प्रदेश के सभी बच्चों को एक समान अवसर प्राप्त हो, तो वह सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकेंगे।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में बेसिक शिक्षा परिषद की तरफ से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार मिशन प्रेरणा एवं सीएसआर कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ से संबंधित जानकारियों के प्रचार-प्रसार हेतु एलईडी वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
पहले बेसिक शिक्षा की स्थिति काफी खराब थी
मुख्यमंत्री योगी ने 8 करोड़ रुपये से 350 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के उच्चीकरण के लिए भवनों का शिलान्यास किया। कक्षा आठ तक संचालित होने वाले इन विद्यालयों में अब बालिकाएं 12वीं तक पढ़ाई कर सकेंगी। कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा के लिए जो कार्य किए हैं, उसका एक निचोड़ इस सेमिनार के माध्यम से हम सबके सामने आ रहा है।
प्रधानमंत्री @narendramodi, मुख्यमंत्री @myogiadityanath ने होली मिलन जैसे समारोहों से दूर रहने को कहा है। उन्होंने कहा, मैं भी होली मिलन जैसे पवित्र आयोजन से व्यापक जनहित में दूर रहूंगा। @myogioffice @PMOIndia @mtaugkp8859 @Aamitabh2 #coronavirusindia #CoronaAlert #Holi2020
— Mahabir Jaiswal (@mahabirjaiswal) March 4, 2020
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज से तीन वर्ष पहले जब हमारी सरकार सत्ता में आई थी, तब प्रदेश में चारों ओर अव्यवस्था एवं अराजकता का माहौल था। उसमें बेसिक शिक्षा की स्थिति काफी खराब थी। जिसमें सबसे खराब स्थिति प्रॉक्सी टीचर की थी। हमारी सरकार ने पहले चरण में प्रॉक्सी टीचर पर रोक लगाने की कार्रवाई प्रारम्भ की। उन्होंने कहा कि शिक्षक को सर्वज्ञ होना चाहिए। उसे सिर्फ स्कूल तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपने छात्रों से जुड़ना चाहिए। जब शिक्षक अपने छात्रों के साथ जुड़ेगा, तो उनके साथ न्याय कर पाएगा।
शिक्षक सरकारी नौकर नहीं, राष्ट्र का भाग्य विधाता है
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि शिक्षक सरकारी नौकर नहीं, राष्ट्र का भाग्य विधाता होता है। आचार्य चाणक्य को अपना आदर्श मानते हुए शिक्षकों को उनसे सीखना चाहिए। अगर चाणक्य खुद को नालंदा विश्वविद्यालय तक ही सीमित कर देते, तो उस कालखंड में वह भारत को दुनिया की एक महाशक्ति के रूप में स्थापित नहीं कर पाते। शिक्षक को समाज की चुनौती और आवश्यकता के अनुरूप खुद को तैयार करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद से जुड़े 1 लाख 58 हजार से अधिक विद्यालयों के बुनियादी ढांचागत विकास के लिए ऑपरेशन कायाकल्प की योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत 92 हजार से अधिक विद्यालयों को बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अंतर्विभागीय समन्वय के माध्यम से स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की। आज इस अभियान के माध्यम से 50 लाख नये बच्चे बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बढ़े हैं।
छात्रों में विकृति क्यों पैदा हुई
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि समाज के साथ किए गए दोष से व्यक्ति खुद को कभी अलग नहीं कर सकता है। विश्वविद्यालयों में आज भारत विरोधी नारे लग रहे हैं। इस उदण्डता और पाप का भागी कौन हैं। सरकारें संसाधन दे सकती हैं, लेकिन जिसने उन्हें बेसिक शिक्षा दी है, जिसने उन्हें माध्यमिक शिक्षा दी है और जो उन्हें वहां तक ले कर गया है, आज उन सभी को अपने कार्यों का मूल्यांकन करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब भारत विरोधी नारे देश के संसाधनों पर पलने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में लगते हैं, तो हमें इस मूल्यांकन के लिए तैयार होना चाहिए कि हमारे पढ़ाए गए छात्रों में इस प्रकार की विकृति क्यों पैदा हुई। जिस भारत की एकता और अखंडता की शपथ लेकर हम कार्य करते हैं आज उसी के विखंडन के नारे लगाए जा रहे हैं। ऐसी दशा में उन शिक्षकों पर प्रश्न खड़े होने लगते हैं, जिन्हें समाज में ईश्वर के समान माना जाता है।
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विद्यालयों के फर्नीचर के लिए दी पहली विधायक निधि
कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैंने अपनी पहली विधायक निधि गोरखपुर जनपद के विद्यालयों में फर्नीचर कार्य के लिए दे दी थी। लगभग गोरखपुर महानगर के सभी विद्यालयों में फर्नीचर लग चुके हैं। इसी प्रकार से अन्य जनप्रतिनधियों को विद्यालयों के लिए अपनी निधि से पैसा देना चाहिए।
समर्थ और शारदा तकनीकि प्रणाली का हुआ शुभारम्भ
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गई समर्थ और शारदा तकनीकि प्रणाली का शुभारम्भ किया। समर्थ तकनीकि प्रणाली दिव्यांग बच्चों की ट्रैकिंग और शैक्षिक समावेशन की व्यवस्था है। वहीं शारदा तकनीकि प्रणाली आउट ऑफ स्कूल के बच्चों का चिन्हिकरण, पंजीकरण और नामांकन के लिए कार्य करेगी।
10 शिक्षाग्रही हुए सम्मानित
मिशन प्रेरणा में लर्निंग आउट कम और सपोर्टिव सुपरविजन की व्यवस्था की गई है। इसके तहत मुख्यमंत्री योगी ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले 10 शिक्षाग्रहियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। जिसमें बरेली के लक्ष्मीकांत शुक्ला, चित्रकूट के संतोष कुमार साहू, हापुड़ के ललित कुमार, बिजनौर के इरशाद अहमद, बहराइच के श्रवण कुमार मिश्रा, विजय कुमार सरोज, यादवेंद्र प्रताप, भानु प्रताप मिश्रा, कल्पना मिश्रा एवं अब्दुल मोमिन शामिल हैं।
इन पुस्तिकाओं का किया विमोचन
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने चार पुस्तिकाओं का विमोचन किया। जिसमें कक्षा एक और दो के बच्चों में भाषा और गणित की बुनियादी समझ विकसित करने के लिए पुस्तिका ‘आधारशिला’, जिन बच्चों की सीखने की क्षमता का स्तर कक्षा के अनुरूप नहीं होता उनके लिए ‘ध्यानाकर्षण’ एवं शिक्षकों की आवश्यकताओं एवं व्यवसायिक विकास को ध्यान में रखकर तैयार की गई पुस्तिका ‘शिक्षण’ संग्रह का विमोचन किया। इसके साथ ही यूनीसेफ के सहयोग से तैयार किए गए ऑपरेशन कायाकल्प के तकनीकि मैनुअल का भी विमोचन हुआ।
https://www.youtube.com/watch?v=2bhT7XcbQ_E