देहरादून। उत्तराखंड में भूमि खरीदना महंगा हो गया है। प्रदेश सरकार ने कृषि और अकृषि भूमि की सर्किल दरों में औसतन 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। प्रदेश के करीब 60 से 70 प्रतिशत भूभाग में भूमि की सर्किल दरों को 10 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। शेष इलाकों में सर्किल दरों की विषमता को दूर करने के लिए नई दरों का निर्धारण किया गया है।
नैनीताल और पौड़ी जनपद में सबसे अधिक क्षेत्रों में कृषि भूमि की सर्किल दरों में वृद्धि हुई है। पौड़ी जिले के दो क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां पर सर्किल दरों में 700 से 800 प्रतिशत तक और 1158 क्षेत्र ऐसे हैं जहां 150 से 200 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह नैनीताल जनपद के 65 क्षेत्रों में कृषि भूमि की सर्किल दरों में 200 से 250 प्रतिशत की वृद्धि की गई।
मंत्रिमंडल की बैठक में स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन के प्रस्ताव को मंजूरी
रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की ओर से प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कैबिनेट में भूमि की सर्किल दरों की विसंगतियों को दूर करने को पहली बार जीआईएस मैपिंग का इस्तेमाल किया गया।
उन्होंने कहा कि इससे एक ही क्षेत्र में समान परिस्थितियों के बावजूद दरों के अंतर में समानता का प्रयास किया गया और जिन इलाकों में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों में बदलाव आया है, उसी आधार पर वहां दरों में बढ़ोतरी की गई। बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और सुबोध उनियाल ने भी भाग लिया।
गैर कृषि भूमि की औसतन सर्किल दरें
- 20 प्रतिशत क्षेत्रफल ऐसा है जहां सर्किल दरें 0 से 5 प्रतिशत बढ़ाई गईं
- 24.4 प्रतिशत क्षेत्रफल ऐसा हैं जहां सर्किल दरें 6-10 प्रतिशत तक बढ़ीं
- 12.86 प्रतिशत क्षेत्रफल में सर्किल दरों को 11 से 15 प्रतिशत बढ़ाया गया
कृषि भूमि की औसतन सर्किल दरें
- 23.8 प्रतिशत क्षेत्रफल जहां एक से पांच प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई
- 37.8 प्रतिशत क्षेत्रफल जहां सर्किल दरें 6-10 प्रतिशत तक बढ़ीं
- 8.25 प्रतिशत क्षेत्रफल जहां सर्किल दरें 11 से 15 प्रतिशत बढ़ी हैं