डेली संवाद, चंडीगढ़
गूगल द्वारा भारत विरोधी अलगाववादी पहुँच वाला एप लाँच किये जाने पर गहरी चिंता ज़ाहिर करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा अपने उच्च अधिकारियों को जहाँ गूगल के साथ इस मसले को लेकर बिना किसी देरी के संपर्क करने के लिए निर्देश दिए गए हैं, वहीं साथ ही केंद्र सरकार को कंपनी को तुरंत यह विवादित एप हटाने के लिए निर्देश देने की अपील भी की है।
राज्य सरकार द्वारा गूगल के साथ इस मसले को लेकर संबंध स्थापित करने का जि़क्र करते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार पंजाब पुलिस प्रमुख दिनकर गुप्ता द्वारा करतारपुर कोरीडोर के खोले जाने से ठीक पहले ‘2020 सिक्ख रैफैरैंडम‘ एप के लांच होने से पैदा हुए खतरे से निपटने के लिए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ संबंध स्थापित किया जा रहा है।
इस एप को तुरंत हटाए जाने की माँग करते हुए मुख्यमंत्री पंजाब ने कहा कि गूगल प्ले के ज़रिये मुफ़्त डाउनलोड होने वाले इस एप के पीछे मंशा स्पष्ट रूप से श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को मनाने के लिए चल रहे समागमों के दरमियान सिख भाईचारे को दोफाड़ करने का आई.एस.आई का एजेंडा है।
अलगाववादी ग्रुप को एप डाउनलोड करने की मंजूरी गूगल ने क्यों दी
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक कट्टर अलगाववादी ग्रुप को ऐसा एप डाउनलोड करने की मंजूरी गूगल द्वारा कैसे और क्यों दी गई, यह सवाल सबसे पहले उठता है। मुख्यमंत्री द्वारा तकनीकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी के इस ग़ैर-जिम्मेदाराना रवैये पर हैरानी और चिंता प्रकट की है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि यदि गूगल ऐसे कट्टर ग्रुप का समर्थन करने वाली कंपनी की छवि से बचना चाहती है तो इस कंपनी को बिना कोई देरी किये इस एप को प्ले स्टोर से हटा देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी घटना पूरे मुल्क के लिए और खासकर पंजाब के लिए सुरक्षा के पक्ष से खतरे के सरोकार रखता है। उन्होंने कहा कि इस एप को लांच किये जाने के लिए समय का चुनाव संकेत देता है कि करतारपुर कोरीडोर के खुलने के मौके को आई.एस.आई भारतीय सिख भाईचारे को दोफाड़ करने के अपने घिनौने एजंडे को लागू करने के लिए मौके के रूप में ईस्तेमाल करना चाहती है।
आई.एस.आई के घिनौने इरादों बारे सचेत किया जा रहा है
जि़क्रयोग्य है कि मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा बार-बार पाकिस्तान के कोरीडोर खोलने के फ़ैसले के पीछे आई.एस.आई के घिनौने इरादों बारे सचेत किया जा रहा है। साफ़ इशारा करते हुए कि सिखज़ फॉर जस्टिस (एस.एफ.जे), जिसकी आड़ में आई.एस.आई अपने 2020 रैफैरैंडम एजंडे को हवा दे रही है, को केंद्र सरकार द्वारा कुछ महीने पहले यू.ए.पी.ए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम एक्ट) के अंतर्गत एक गैरकानूनी एसोसिएशन घोषित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री पंजाब ने कहा कि इस संस्था की खुलेआम हिंसक गतिविधियों में सम्मिलन के कारण ही ऐसा सख्त कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि आई.एस.आई के लगातार समर्थन स्वरूप एस.एफ.जे द्वारा निरंतर अपनी भारत विरोधी मुहिम चलाई जा रही है और अब अपने इस एजंडे को आगे चलाने के लिए गूगल एप को उपयोग करने की कोशिश की जा रही है।
आई.एस.आई द्वारा अपनी अलगाववादी गतिविधियों के ज़रिये पुंजाब को फिर से अस्थिर करने के किये जा रहे लगातार यत्नों बारे भारत को पूर्ण रूप से सतर्क रहने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने दोहराया कि करतारपुर कोरीडोर खोले जाने के मौके पर भारत को पूरी तरह चौकस रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर सिख गुुरूद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शनों का इच्छुक है और पाकिस्तान को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे मुल्क की शान्ति और अखंडता के लिए ख़तरा पैदा हो।