- चंदूमाजरा ने कहा कि मुख्यमंत्री अभी भी कमलनाथ तथा जगदीश टाईटलर का बचाव क्यों कर रहा है
- कहा कि तृप्त यह भी नही जानता है कि खालसा सृजना का तीन सौ साला समागम श्री अकाल तख्त साहिब की रहनुमाई में करवाया गया था
डेली संवाद, चंडीगढ़
शिरोमणी अकाली दल ने आज कांग्रेसी नेता तृप्त बाजवा से कहा है कि वह सिखों की सर्वोच्च संस्था के बारे अपना मुंह खोलने से पहले श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा करवाई अमानवीय कार्रवाई आॅपरेशन ब्लू स्टार के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब को गिराने तथा हरिमंदिर साहिब में हजारों निर्दोषों के कत्ल के लिए माफी मांगे तथा कांग्रेस पार्टी को छोड़े।
तृप्त राजिंदर बाजवा द्वारा पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके सरदार परकाश सिंह बादल के बारे की एतराज वाली टिप्पणियों के बारे अपना प्रत्युत्तर देते हुए वरिष्ठ नेता सरदार प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब का पवित्र नाम अपने खून के प्यासे होठों पर लाना कांग्रेसी नेताओं को शोभा नही देता। उन्होने कहा कि तृप्त बाजवा पहले सिख विरोधी कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे तथा फिर इस द्वारा श्री हरिमंदिर साहिब की परिक्रमा में टैंक चढाने, श्री अकाल तख्त साहिब को गिराने, श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर हजारों निर्दोष सिखों- सिख महिलाओं का कत्लेआम करने तथा दिल्ली, कानपुर तथा देश के अन्य भागों में हजारों सिखों के किए कत्लेआम के लिए माफी मांगे। उन्होने कहा कि उनका नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह आज भी सिखों के कातिल कमलनाथ तथा जगदीश टाईटलर जैसों का बचाव कर रहा है। उन्होने कहा कि सिखों के मामले के बारे बोलने का अधिकार हासिल करने से पहले तृप्त बाजवा इन सभी पापों के लिए माफी मांगे तथा कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे।
सरदार चंदूमाजरा ने कहा कि सरदार परकाश सिंह बादल हमेशा श्री अकाल तख्त साहिब पर शीश झुकाते हैं। उन्हे जब भी बुलाया गया वह हाजिर हुए हैं। उन्होने कहा कि सरदार बादल श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होने वाले इकलौते सिख नेता हैं, जिन्हे सम्मानपूर्वक छोड़ दिया गया था। उन्होने कहा कि बाजवा को संवेदनशील मुद्दों पर टिप्पणी करने से पहले तथ्य जान लेने चाहिए तथा इतिहास का ज्ञान ले लेना चाहिए। उसे इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी द्वारा किए पापों के लिए माफी मांगनी चाहिए तथा कांग्रेस को छोड़ देना चाहिए।
अकाली नेता ने कहा कि कितने दुख की बात है कि तृप्त यह भी नही जानता कि जब सरदार बादल मुख्यमंत्री थे तो खालसा सृजना का तीन सौ साला समागम श्री अकाल तख्त साहिब की रहनुमाई में करवाया गया था। उन्होने कहा कि उस समय देश का प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, तीन सेनाओं के मुख्यिा श्री आंनदपुर साहिब में माथा टेकने के लिए आए थे जबकि श्रीमती इंदिरा गांधी ने इन ताकतों का इस्तेमाल श्री अकाल तख्त साहिब को गिराने के लिए किया था।