कैप्टन ने श्री अकाल तख्त साहिब के मुद्दे पर ग़ैर-संजीदा बयानबाज़ी के लिए हरसिमरत की आलोचना की
डेली संवाद, सुल्तानपुर लोधी
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की तरफ से पंजाब सरकार पर श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को चुनौती देने के लगाऐ गये दोषों को सिरे से नकारते हुये कहा है कि हरसिमरत कौर बादल के बयान बिल्कुल ग़ैर-संजीदा और भडक़ाऊ हैं। उन्होंने कहा कि छटे गुरू श्री गुरु हरगोबिन्द साहिब जी की तरफ से स्थापित किये श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को चुनौती देने संबंधी कोई सच्चा सिख सोच भी नहीं सकता। उन्होंने कहा कि हरसिमरत कौर को तथ्यों की पड़ताल किये बिना ग़ैर -जिम्मेदाराना बयान देने की आदत है और वह बिल्कुल अधूरी जानकारी रखते हैं।
आज यहाँ श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व सम्बन्धी चल रही तैयारियों का जायज़ा लेने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुये उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस ऐतिहासिक दिवस को सिख पंथ की मर्यादा और शानो-शौकत के साथ मनाने के लिए वचनबद्ध है और साथ ही समागमों के लिए श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से साझी समागम कमेटी बनाने के दिए प्रस्ताव को मानने के लिए भी तत्पर है।
उन्होंने कहा कि प्रस्ताव के अनुसार पाँच सदस्यीय कमेटी में दो नुमायंदे पंजाब सरकार की तरफ से और दो नुमायंदे शिरोमणि कमेटी की तरफ से शामिल किये जाने हैं जबकि एक सिख विद्वान को मैंबर के तौर पर शामिल किये जाने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री के उस बयान की भी तीखी निंदा की जिसके द्वारा उन्होंने कहा था कि पंजाब को किसी कृषि आधारित प्रोजैक्ट की ज़रूरत नहीं। उन्होंने हैरानी जताई कि हरसिमरत कौर बादल ज़मीनी हकीकतों से अंजान दिल्ली में कैसे काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री यह दावा कैसे कर सकते हैं कि कृषि आधारित राज्य को इससे सबंधित प्रोजैक्ट की ज़रूरत नहीं है।
बरगाड़ी बेअदबी कांड की जांच पटरी से उतारने के लिए बादलों के यत्नों की तीखी निन्दा
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म हमेशा राजनीति से ऊपर है। उन्होंने सबको न्योता दिया कि वह पार्टी स्तर से ऊपर उठकर इस समागम को मनाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि बीते समय के दौरान हुए शताब्दी समागमों के अनुसार पंजाब सरकार सभी धार्मिक समागम गुरुद्वारा साहिब के अंदर करवाने के लिए शिरोमणि कमेटी को पूर्ण सहयोग देने के लिए वचनबद्ध है जबकि पंजाब सरकार की तरफ से मुख्य समागम गुरुद्वारा साहिब के नज़दीक करवाया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने बरगाड़ी बेअदबी कांड की जांच सी.बी.आई. के द्वारा पटरी से उतारने के यत्नों की तीखी निंदा करते हुये कहा कि केंद्र सरकार को पंजाब विधानसभा द्वारा पास किये प्रस्ताव के अनुसार जांच सी.बी.आई. से वापिस लेकर एस.आई.टी. को देने को मंज़ूरी देनी चाहिए। उन्होंने सी.बी.आई. की पहुँच पर सवाल उठाते हुये कहा कि सी.बी.आई. द्वारा सभी मामलों में क्लोजऱ रिपोर्ट दाखिल करने के बाद अब यह जांच एस.आई.टी. को सौंपने से कौन रोक रहा है। उन्होंने कहा कि सी.बी.आई. प्रत्यक्ष तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन नहीं बल्कि परसोनल मंत्रालय के अधीन काम करती है। उन्होंने कहा कि बादलों की तरफ से न्याय के रास्ते में रोड़े अटकाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अकाली सरकार की तरफ से बेअदबी कांड की जांच सी.बी.आई. को क्यों सौंपी गई?
सी.बी.आई.को जांच सौंपने के फ़ैसले पर उठाए सवाल
अपने राजनैतिक सलाहकारों की नियुक्तियों सम्बन्धी एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पंजाब के 12700 गाँवों और शहरों के लोगों के साथ सीधा संबंध बनाना संभव नहीं जिस कारण लोगों की ज़रूरतों और इच्छाओं के अनुसार नीति निर्माण के लिए यह नियुक्तियाँ की गई हैं। उन्होंने कहा कि नये अधिकारी उनको ज़मीनी हकीकतों संबंधी जानकारी प्रदान करने में सहयोग देंगे।
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से रेत के गड्ढों से पिछले साल केवल 32 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित किया गया था जोकि इस बार 306 करोड़ रुपए हो गया है। इससे पहला पंजाब कैबिनेट की मीटिंग के लिए सुल्तानपुर लोधी में पहुँचे मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अपने समूह कैबिनेट साथियों के साथ पहली पातशाही श्री गुरू नानक देव जी से सम्बन्धित ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में माथा टेका। इस मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री उपिन्दरजीत कौर, शिरोमणि कमेटी मैंबर और पूर्व कैबिनेट मंत्री बीबी जागीर कौर और गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर भाई सतनाम सिंह ने मुख्यमंत्री और समूह कैबिनेट मंत्रियों को सिरोपे की बख़शीश की।
35000 श्रद्धालुओं के ठहरने की क्षमता वाले तीन टैंट सिटी बनाऐ जा रहे हैं
इसके उपरांत मुख्यमंत्री और समूह कैबिनेट मंत्रियों ने 550वें प्रकाश पर्व के मुख्य समागम वाले पंडाल स्थान और श्रद्धालुओं के रहने के लिए बनाऐ जा रहे टैंट सिटी का दौरा करके प्रबंधों का जायज़ा लिया। राज्य सरकार द्वारा 35000 श्रद्धालुओं के ठहरने की क्षमता वाले तीन टैंट सिटी बनाऐ जा रहे हैं। इस टैंट सिटी में श्रद्धालुओं के ठहरने का प्रबंध, लंगर हाल, जोड़ा घर, गठरी घर, ग़ुसलखाने और शौचालयों के अलावा अलग पार्किंग जगह बनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने पवित्र वेईं पर बनाऐ जा रहे सात पुलों के निर्माण काम का जायज़ा भी लिया। 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में पहुँचने की संभावना को देखते हुये वेईं पर 9.30 करोड़ रुपए की लागत वाले तीन उच्च स्तरीय पुल, 1.98 करोड़ रुपए की लागत के साथ दो पनटून पुल और 1.38 करोड़ रुपए की लागत के साथ पैदल यात्रियों के लिए दो पुल बनाऐ जा रहे हैं जिनका काम अक्तूबर महीने में मुकम्मल हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने सुल्तानपुर लोधी की बुनियादी ढांचे के विकास के लिए चल रहे प्रोजेक्टों की प्रगति पर तसल्ली जताते हुये कहा कि सभी प्रोजैक्ट निश्चित समय सीमा के अंदर मुकम्मल कर लिए जाएंगे जिसमें मुख्य तौर पर पवित्र शहर का सौन्दर्यकरण, सडक़ों को चौड़ा करना, टैंट सिटी का निर्माण, नया बस स्टैंड और सर्किट हाऊस का निर्माण आदि शामिल हैं।
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