नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस वकील से जवाब मांगा जिसने यह सनसनीखेज दावा किया था कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के झूठे मामले में ‘‘फंसाकर” उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने के मकसद से षड्यंत्र रचा गया था।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई में तीन न्यायाधीशों की एक विशेष पीठ ने वकील उत्सव सिंह बैंस को नोटिस जारी किया और इस दावे के संबंध में उनसे जवाब मांगा. बैंस ने दावा किया था कि उन्हें शीर्ष अदालत की पूर्व महिला कर्मचारी का प्रतिनिधित्व करने के लिए तथा यहां प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन करने वाले व्यक्ति का इंतजाम करने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी।
न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता भी पीठ में शामिल थे. पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए बुधवार को सुबह साढ़े 10 बजे का समय तय किया है. मामले की ‘न्यायपालिका की स्वतंत्रता से जुड़े अति महत्वपूर्ण’ विषय के तौर पर सुनवाई की जा रही है. वकील ने सोमवार को शपथपत्र दायर किया था. इससे पहले शनिवार को अप्रत्याशित सुनवाई हुई थी जिसमें प्रधान न्यायाधीश ने कहा था कि इन आरोपों के पीछे एक बड़ी साजिश है।
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