डेली संवाद, जालंधर
जालंधर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के मौजूदा सांसद संतोख चौधरी को अपने ही नेताओं व कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहिंदर केपी ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है, तो दूसरी तरफ अब जिला कांग्रेस के तीन पूर्व प्रधान भी चौधरी का साथ छोड़ते नजर आ रहे हैं।
शनिवार को कांग्रेस के पूर्व जिला प्रधान दलजीत सिंह आहलूवालिया, अरुण वालिया समेत अन्य नेता मोहिंदर केपी से मुलाकात कर सियासी समीकरण तैयार की है। दलजीत सिंह आहलूवालिया के साथ जिला कांग्रेस के कई बड़े नेता भी शामिल थे। माना जा रहा है कि केपी और आहलूवालिया की मीटिंग कई मायनों में चौधरी के घातक साबित हो सकती है।
आहलूवालिया की अगुवाई में मोहिंदर केपी से अशोक गुप्ता, सतनाम सिंह बिट्टा, मनोज अग्रवाल आदि के मुलाकात से संतोख चौधरी की सियासी डगर खतरों से खाली नहीं है। ऊपर से दोआबा के युवा औऱ दलित विधायक सुशील रिंकू का खेमा भी चौधरी का सहयोग नहीं करेगा, क्योंकि रिंकू खुद टिकट की दौड़ में थे। अब देखना यह है कि चौधरी क्या इन सभी झंझावतों से उबर कर अपनी सीट निकालने में सफल हो सकते हैं।
केपी के घर पहुंचे ये मंत्री
मोहिंदर सिंह केपी को मनाने के लिए देर शाम कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा सुखी और उनके विधायक परगट सिंह भी पहुंचे। इस दौरान केपी ने दो टूक कहा है कि उनके साथ पार्टी ने अन्याय किया। उन्होंने उनकी बात नहीं मानी।
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