डेली संवाद, चंडीगढ़
यूथ अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा बाँटे गए पैसों पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि मजीठिया के जुर्म की ई.डी. यह पता लगाऐ कि उसके पास यह पैसे कहाँ से आए।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बिक्रम मजीठिया ने इन चालों से प्रसिद्धि हासिल करने की कोशिश की थी और उन्होंने इस मुद्दे में दख़ल देकर पंजाब सरकार को इस मामले से दूर रखने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि मजीठिया इसमें कैसे दख़ल दे सकता है जबकि बुद्ध सिंह का मामला पहले ही सरकार की प्रक्रिया अधीन था।
इन पैसों के स्रोतों की जांच ज्यादा ज़रूरी है
उन्होंने कहा कि इसीलिए इन पैसों के स्रोतों की जांच ज्यादा ज़रूरी है क्योंकि अकाली -भाजपा सरकार के समय भी उन पर ड्रग, ट्रांसपोर्ट और शराब माफिया होने के गंभीर दोष लगाए गए थे। इसलिए यदि इन पैसों का प्रयोग सियासी फ़ायदा लेने के लिए किया जा रहा है तो ई.डी. को इस मामले की जांच करके इन पैसों के स्रोतों की तह तक जाना चाहिए।
चर्चित भोला ड्रग केस, जिसमें भी ई.डी. ने मजीठिया को सवालों के घेरे में लिया था, को याद करते हुये रंधावा ने कहा कि यह पता लगाना ज़रूरी है कि क्या अपराध में शामिल यह पैसा कहाँ से आया। उन्होंने कहा कि उसने पूर्व जेल मंत्री सरवन सिंह फिलौर को हवाला केस (भोला ड्रग केस) में फसाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव भी बनाया था। जिनको सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी, जिससे ई.डी. ने सुनवाई पर रोक लगा दी थी।
उन्होंने कहा कि फिलौर ने यह बताया था कि उनको सुप्रीम कोर्ट जाने पर राजनैतिक बदलाखोरी के मामले में फंसाया गया था और उन्होंने दावा किया कि वह मजीठिया की साजिश का शिकार हुए थे।
रंधावा ने कहा कि जिस तरीके से बिक्रम मजीठिया ने सरकारी प्रक्रिया में दख़ल देने और मीडिया की मुख्य समाचार प्राप्त करने की भी कोशिश की थी, वह नहीं जानता कि ई.डी. और अन्य प्रमुख एजेंसियाँ ऐसे पैसों पर नजऱें रखेंगी।
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