अशोक सिंह भारत
डेली संवाद, नई दिल्ली
मनी लॉड्रिंग केस में रॉबर्ट वाड्रा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए. उनके साथ करीब 6 घंटे तक पूछताछ चली. इसके बाद ईडी के अफसरों ने रॉबर्ट वाड्रा को फिर तलब किया है. अब गुरूवार को वह फिर सुबह 10.30 बजे पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर पहुंचेंगे।
बुधवार को हुई पूछताछ के बाद रॉबर्ट वाड्रा के वकील सुमन ज्योति खेतान ने कहा कि बिना समन के वाड्रा ईडी के दफ्तर पहुंचे और अधिकारियों के सवालों का जवाब दिया. ईडी जब भी बुलाएगा, हम आने के लिए तैयार हैं।
पूछताछ के दौरान रॉबर्ट वाड्रा ने संजय भंडारी और उनके चचेरे भाई शिखर चड्ढा के साथ किसी भी व्यापारिक संबंध से इनकार किया. उन्होंने कहा कि मैं मनोज अरोरा को जानता हूं. वे मेरे कर्मचारी थे, लेकिन उन्होंने अरोरा के ईमेल लिखने से इंकार किया. इसके साथ ही वाड्रा ने कहा कि मेरे पास कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लंदन में संपत्ति नहीं है।
ED ने पूछे यह सवाल
सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के पहले चरण में वाड्रा से मनोज अरोरा, सुमित चड्ढा, सी. थम्पी और संजय भंडारी के साथ उनके रिश्ते के बारे में पूछा गया. इसके लिए उनका सामना ईमेल और पीएमएलए के तहत दिए गए मनोज अरोरा के बयान से हुआ।
दूसरे चरण में विदेशों में उनकी संपत्तियों के बारे में पूछताछ की गई. इनमें लंदन में खरीदी गई 8-9 संपत्तियां- तीन विला और छह फ्लैट हैं. इनके भुगतान के लिए एक ही मोडस ऑपरेंडी का उपयोग किया गया था. तीसरे चरण में रक्षा और पेट्रोलियम सौदे के बिचौलियों के संबंध में पूछताछ की जाएगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत में अर्जी लगाई थी. मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी इस अपील पर सुनवाई करते हुए पिछले हफ्ते ही दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने उन्हें राहत दे दी. वाड्रा के वकील केटीएस तुलसी ने कोर्ट को यह आश्वासन दिया था कि उनके मुवक्किल वाड्रा जांच में सहयोग करेंगे।
कोर्ट ने वाड्रा को 16 फरवरी तक गिरफ्तारी से राहत दी और कहा कि वाड्रा को पूछताछ के लिए 6 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होना होगा. इससे पहले अदालत ने वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा की गिरफ्तारी पर 6 फरवरी तक अंतरिम रोक लगा दी थी.
यह है मामला
रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रहा केस लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर पर स्थित एक संपत्ति की खरीद में मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) के आरोपों से जुड़ा है. यह प्रॉपर्टी 19 लाख पाउंड में खरीदी गई थी और इसका मालिकाना रॉबर्ट वाड्रा के पास है।
जांच एजेंसी ने अदालत को बताया था कि भगोड़े हथियार व्यापारी संजय भंडारी के खिलाफ आयकर विभाग काला धन अधिनियम एवं कर कानून के तहत जांच कर रहा है. इसी दौरान मनोज अरोड़ा की भूमिका सामने आई, जिसके आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया।
आरोप ये है कि लंदन स्थित इस संपत्ति को 19 लाख पाउंड में संजय भंडारी ने खरीदा था और 2010 में इसे इतनी ही राशि में बेच दिया गया. जबकि उसी मरम्मत, साजसज्जा पर करीब 65,900 पाउंड खर्च किया गया था, बावजूद इसके खरीद दाम में ही प्रॉपर्टी रॉबर्ट वाड्रा को बेची गई। (साथ में AAJTAK से इनपुट)
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