देहरादून। देहरादून के एक प्राइवेट स्कूल ने 16 वर्षीय लड़की को प्रवेश देने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि हाल ही में उसके साथ दुष्कर्म हुआ था। पीड़िता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने इस बर्ताव स्कूल के सीबीएसई संबद्धता को रद्द करने की मांग की है।
वकील अरुणा नेगी चौहान ने नाबालिग के माता-पिता की ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और राज्य शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने स्कूल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
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वकील ने बताया कि पीड़िता के माता-पिता ने शहर के कई निजी स्कूलों में उसके एडमिशन के लिए कोशिश की, लेकिन सभी ने पीड़िता को दाखिला देने से इंकार कर दिया। चौहान ने बताया कि कई स्कूलों ने माता-पिता को कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया, जबकि एक निजी स्कूल ने स्पष्ट रूप से उनसे कहा कि वे दुष्कर्म पीड़िता को स्कूल में दाखिला नहीं दे सकते हैं।
छात्रा एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रही थी
बता दें कि छात्रा एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रही थी। बोर्डिंस स्कूल के ही चार छात्रों ने उसके साथ 14 अगस्त को कथित तौर पर दुष्कर्म किया था। छात्रा ने आपबीती स्कूल अधिकारियों को बताई थी। लेकिन स्कूल के तरफ से मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की गई। छात्रा के साथ हुई दुष्कर्म की घटना सितंबर में तब प्रकाश में आई जब उसे महसूस हुआ कि वह प्रेग्नेंट है। प्रेग्नेंट होने की बात पीड़िता ने अपनी बड़ी बहन को बताई। जिसके बाद देहरादून की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) निवेदिता कुकरेती को मामले की जानकारी दी गई।
मामला पुलिस के संज्ञान में आने के बाद चारों आरोपी छात्रों को में ले लिया गया। आरोपी छात्रों के साथ-साथ बोर्डिंग स्कूल के डायरेक्टर, प्रिंसिपल, प्रशासनिक अधिकारी, उसकी पत्नी और हॉस्टल के केयरटेकर को साक्ष्य मिटाने और इस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश में गिरफ्तार किया गया था। बाद में पुलिस ने पुष्टि की कि पीड़िता प्रेग्नेंट नहीं है।
लों को कैसे पता चला कि छात्रा के साथ दुष्कर्म हुआ था
पीड़िता के वकील ने उत्तराखंड के एसएसपी को पत्र लिखकर यह भी पूछा है और जांच की मांग की है कि लड़की पहचान कैसे उजागर हुई।उन्होंने कहा कि यह सबसे बड़ा सवाल है कि स्कूलों को कैसे पता चला कि छात्रा के साथ दुष्कर्म हुआ था? कानून के अनुसार, दुष्कर्म पीड़िता की पहचान को उजागर नहीं किया जाना चाहिए। वकील ने कहा, ”हम चाहते हैं कि पुलिस जांच करे कि इसके पीछे कौन है।”
पूरे मामले पर स्कूल के किसी भी अधिकारी ने कोई टिप्पणी नहीं की है। वहीं, सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी रणवीर सिंह मामले में कहा कि उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है।
पीड़िता के वकील ने बताया कि छात्रा के अभिभावक थक हार कर उसे अगले शैक्षिक सत्र में देहरादून से बाहर ले जाना चाहते हैं। काफी प्रयास के बाद भी छात्रा के माता-पिता से अभी तक संपर्क नहीं किया जा सका है।
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