महिलाओं के कल्याण के लिए सरकार ने अनेकों कदम उठाए
डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब सरकार महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए लगातार सक्रिय है और इसके द्वारा महिलाओं खासकर गरीब वर्ग की महिलाओं के कल्याण के लिए अनेकों कदम उठाए गए हैं।’’ यह प्रगटावा करते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अरुना चौधरी ने कहा कि पंजाब सरकार का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को अधिक से अधिक समर्थ बनाना है जिससे वह राज्य के सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक विकास में अपना और भी प्रभावी योगदान डाल सकें।
श्रीमती अरुना चौधरी के अनुसार पंजाब सरकार ने हाल ही में महिलाओं और पुरूष दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सरकारी नौकरियाँ और पदोन्नतियों के लिए आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। पंजाब सरकार द्वारा तेज़ाब पीडि़त महिलाओं के कल्याण के लिए भी कदम उठाए गए हैं। इसलिए तेज़ाब पीडि़तों के लिए वित्तीय सहायता स्कीम पंजाब 2017 बनाई गई है। इसके अधीन 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग होने वाली तेज़ाब पीडि़त महिलाओं के लिए 8000 रुपए प्रति माह वित्तीय सहायता की व्यवस्था की गई है।
दिव्यांग महिलाओं के लिए भी मासिक पैंशन का प्रबंध किया गया
श्रीमती चौधरी के अनुसार पंजाब सरकार द्वारा 58 साल या इससे अधिक उम्र वाली उन महिलाओं के लिए 750 रुपए प्रति माह बुढ़ापा पैंशन की व्यवस्था की है जिनकी सभी साधनों से सालाना आय 60,000 रुपए से कम हो। इसी तरह दोनों पति-पत्नी के पास कृषि योग्य भूमि ढाई एकड़ और बंजर भूमि पाँच एकड़ से अधिक न हो।
यह पैंशन पुरूषों को भी दी जा रही है परन्तु उनके लिए उम्र के मापदंड अलग हैं। इसी तरह ही सभी साधनों से 60,000 रूपए की सालाना आय से कम वाली और 58 साल की उम्र से कम वाली विधवाओं /निराश्रित महिलाओं और 30 साल की उम्र से अधिक वाली अविवाहित महिलाओं के अलावा दिव्यांग महिलाओं के लिए भी मासिक पैंशन का प्रबंध किया गया है।
वर्दियों के लिए भी 1500 रुपए दिए जाते हैं
उन्होंने आगे बताया कि पंजाब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों की दसवीं स्तर की दिव्यांग छात्राओं के लिए किताबों-कॉपियों के लिए सालाना 1000 रुपए और वर्दियों आदि के लिए भी 1000 रुपए की व्यवस्था की है। इससे ऊपर वाली कक्षा की छात्राओं को किताबों -कॉपियों के लिए सालाना 1500 रुपए और वर्दियों के लिए भी 1500 रुपए दिए जाते हैं।
यह वज़ीफ़ा 40 प्रतिशत से अधिक उन दिव्यांग छात्राओं को दिया जाता है जिनके माता-पिता की मासिक आय 5000 रुपए या इससे कम है। इसके साथ ही 0-6 साल तक के बच्चों, दूध पिलाने वाली माताओं और गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य को ऊँचा उठाने के लिए ‘पोषण माह’ के रूप एक मुहिम आरंभ की गई है। पोषण माह पंजाब भर में पहली सितम्बर से 30 सितम्बर तक मनाया जा रहा है। उक्त मुहिम आई.सी.डी.एस. स्कीम के अधीन आते हिस्से के उपबंध पर आधारित है।
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