डेली संवाद, नई दिल्ली। Vinesh Phogat: हरियाणा की रेसलर विनेश फोगाट (Wrestler Vinesh Phogat) को पेरिस ओलिंपिक (Paris Olympics) में रजत मेडल (Silver Medal) मिलेगा या नहीं? इसका अभी और इंतजार करना पड़ेगा। खेल कोर्ट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिटरेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने फैसला 16 अगस्त मंगलवार को शाम साढ़े 9 बजे के लिए टाल दिया है।
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इससे पहले CAS ने 10 अगस्त को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखकर 13 अगस्त को फैसले की तारीख तय की थी। इस मामले में डॉ. एनाबेले बेनेट को फैसला सुनाना है।
गोल्ड मेडलिस्ट की तरह की स्वागत करेंगे- महावीर
वहीं आज अगर फैसला होता तो इसके बाद CAS में विनेश के वकील रहे हरीश साल्वे और भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की प्रमुख पीटी ऊषा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कानी थी। वहीं, इस मामले पर विनेश के ताऊ महावीर फोगाट (Mahavir Phogat) ने कहा है कि हम विनेश का गोल्ड मेडलिस्ट की तरह की स्वागत करेंगे।
विनेश के संन्यास को लेकर उन्होंने कहा कि जिस खिलाड़ी के साथ इतने बड़े स्तर पर ऐसा बर्ताव हो जाता है, वह खिलाड़ी ऐसा फैसला ले लेता है। पेरिस से लौटने पर विनेश को पूरा परिवार मनाएगा और 2028 के ओलिंपिक के लिए तैयारी शुरू करेंगे।
16 को देश लौटेंगी विनेश
वहीं, विनेश फोगाट के भारत लौटने के सस्पेंस से भी पर्दा उठ गया है। विनेश 16 अगस्त को स्वदेश लौटेंगी। सुबह 10 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर उनकी फ्लाइट पहुंचने की संभावना है। एयरपोर्ट से वह अपने पैतृक गांव बलाली पहुंचेंगी। एयरपोर्ट से लेकर बलाली गांव तक विभिन्न स्थानों पर रेसलर का स्वागत होगा।
वहीं, पेरिस ओलिंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी के बाद बाकी खिलाड़ी भारत लौट चुके हैं। एक दिन पहले विनेश को खेल विलेज के बाहर बैग के साथ स्पॉट किया गया था। चर्चा थी कि मंगलवार को विनेश भारत लौट सकती हैं।
वेट बढ़ने पर अयोग्य करार दी गईं
बता दें कि विनेश फोगाट ने ओलिंपिक में 50 kg वेट कैटेगरी में कुश्ती लड़ी थी। एक दिन में जापान की ओलिंपिक चैंपियन समेत 3 पहलवानों को पटखनी देकर वह फाइनल में पहुंची। हालांकि अगले दिन फाइनल मुकाबले से पहले उसका वेट 100 ग्राम ज्यादा निकल आया। जिस वजह से उसे अयोग्य करार दे दिया गया।
उधर, इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा- ”वजन का मैनेजमेंट करना खिलाड़ी और कोच की जिम्मेदारी है। खासकर कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बॉक्सिंग और जूडो जैसे खेलों में। इनमें एथलीटों के वजन मैनेजमेंट की जिम्मेदारी प्रत्येक एथलीट और उसके कोच की है, न कि IOA द्वारा नियुक्त चीफ मेडिकल अफसर डॉ. दिनशॉ पारदीवाला और उनकी टीम की।”
विनेश के पक्ष में यह दलीलें भी रखी गईं
खेल कोर्ट में विनेश के पक्ष में कहा गया कि 100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन के 0.1% से 0.2% से ज्यादा नहीं है। यह गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है क्योंकि गर्मी के कारण इंसान की जीवित रहने की जरूरत की वजह से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है। इसके अलावा विनेश को एक ही दिन में 3 कॉम्पिटिशन लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी को मेंटेन करने के लिए भी उन्हें खाना पड़ा।
इसके अलावा भारतीय पक्ष ने कहा कि खेल गांव और ओलिंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन फाइट के टाइट शेड्यूल की वजह से विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त टाइम नहीं मिला। विनेश का वजन पहले दिन की 3 कुश्तियां लड़ने के बाद 52.7 किलो पहुंच चुका था।
भारतीय पक्ष ने कहा
भारतीय पक्ष ने यह भी कहा कि विनेश को 100 ग्राम वजन बढ़ने से दूसरे रेसलर के मुकाबले कोई फायदा नहीं होना था। यह सिर्फ जरूरी रिकवरी प्रोसेस का परिणाम था। एक दिन में लगातार 3 मुकाबले लड़ने के बाद उसके शरीर को डाइट की भी जरूरत थी।
भारतीय पक्ष ने यह भी दलील दी कि विनेश फोगाट के मामले में कोई धोखाधड़ी या हेराफेरी जैसी बात नहीं है। न ही कोई डोपिंग जैसा कोई इश्यू है।
पहले सारे मुकाबले सही लड़ने और फाइनल में अयोग्य होने की वजह से विनेश को कड़ी मेहनत के बावजूद सिल्वर मेडल से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।