डेली संवाद, नई दिल्ली। Yuvraj Singh Biopic: क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 के हीरो रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह का संघर्ष जल्द ही बड़े पर्दे पर नजर आने वाला है। उनके जीवन पर, विशेष रूप से उनके क्रिकेट करियर और कैंसर (Cancer) से जूझने की घटनाओं को केंद्र में रखते हुए युवराज की बायोपिक अनाउंस हुई है।
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इसे प्रोडक्शन कंपनी टी-सीरीज (T-Series) बनाएगी और इसके प्रोड्यूसर भूषण कुमार और रवि भागचंदका होंगे। हालांकि, फिल्म का टाइटल अभी फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन फिलहाल के लिए ‘सिक्स सिक्सेज’ इसका नाम माना जा रहा है।
साथ ही फिल्म में युवराज सिंह का रोल निभाने वाले एक्टर का नाम भी अभी फाइनल नहीं हुआ है। यह जानकारी प्रोडक्शन कंपनी के अलावा फिल्म क्रिटिक तरन आदर्श ने X पर पोस्ट कर दी है।
युवराज बोले- क्रिकेट मेरा सबसे बड़ा प्यार
अपनी बायोपिक को लेकर युवराज सिंह ने कहा है, ‘मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मेरी कहानी दुनिया भर में लाखों प्रशंसकों को दिखाई जाएगी। क्रिकेट मेरे लिए सबसे बड़ा प्यार और जीवन के उतार-चढ़ावों के दौरान ताकत का जरिया रहा है। मुझे उम्मीद है कि यह फिल्म दूसरों को चुनौतियों से उबरने और जुनून के साथ सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करेगी।’
एक ओवर में लगाए 6 छक्के
क्रिकेटर युवराज सिंह कई युवाओं के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं। 2007 में शुरू हुए पहले टी-20 वर्ल्ड कप में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ एक ओवर में 6 छक्के मारने का कारनामा किया था। ये 6 छक्के युवराज ने इंग्लैंड के बेस्ट बॉलर स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में मारे थे। युवराज के इस कारनामे की चर्चा पूरे क्रिकेट वर्ल्ड में हुई।
इस तरह लगे थे शॉट
पहला छ्क्का- स्टुअर्ट ब्रॉड की पहली गेंद को युवराज ने काऊ कॉर्नर के ऊपर से मारा।
दूसरा छ्क्का- फ्लिक शॉट खेला और गेंद बैकवर्ड स्क्वेयर लेग के ऊपर से गई।
तीसरा छ्क्का- स्टंप्स की लाइन पर आती इस गेंद को युवराज ने जगह बनाकर एक्स्ट्रा कवर के ऊपर बाउंड्री पार किया।
चौथा छ्क्का- खड़े-खड़े बैकवर्ड पॉइंट के ऊपर से खेला और छक्का लगाया।
पांचवां छ्क्का- एक घुटना जमीन पर टिकाया और मिड विकेट के ऊपर से छक्का जड़ा।
छठा छ्क्का- युवराज ने आखिरी गेंद को वाइड मिड ऑन के ऊपर से खेला और छह गेंदों पर छह छक्के पूरे किए।
2011 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे
इसके अलावा, वर्ष 2011 के ODI क्रिकेट विश्व कप को भारत की झोली में डालने का सबसे बड़ा क्रेडिट युवराज को रही जाता है। विश्व स्तरीय इस टूर्नामेंट में युवराज को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था। उन्होंने पूरे विश्व कप में बल्ले के अलावा फील्डिंग और बॉलिंग में कमाल दिखाया था।
इसी टूर्नामेंट के दौरान मैदान पर बैटिंग करते हुए युवराज को खून की उल्टियां हुई थीं, लेकिन वह बिना हार माने खेले रहे और देश को वर्ल्ड कप दिलाने के बाद ही कैंसर के इलाज के लिए विदेश गए थे। तब उन्हें ट्रू फाइटर कहा जाने लगा था।
चंडीगढ़ और पंजाब से गहरा नाता
युवराज का चंडीगढ़ और पंजाब से गहरा रिश्ता है। उन्होंने चंडीगढ़ में अपनी पढ़ाई की है। साथ ही किक्रेट की ABC यहीं सीखी है। वह चंडीगढ़ के दूसरे खिलाड़ी बनने जा रहे है, जिनकी बायोपिक बन रही है।
इससे पहले साल 2012 में आई फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ भारतीय धावक मिल्खा सिंह की बायोपिक थी। मिल्खा सिंह का जन्म तो बंटवारे से पहले पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी जीवन की अंतिम सांसें चंडीगढ़ में ही ली थीं। उनकी बायोपिक को दर्शकों का खूब प्यार मिला था।
जाने युवराज सिंह के बारे में
युवराज सिंह पूर्व भारतीय क्रिकेटर है। उनका जन्म 12 दिसंबर 1981 को हुआ था। उनके पिता पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह और मां शबनम कौर हैं। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में युवराज सिंह सबसे बेहतरीन ऑलराउंडरों में से एक रहे हैं। उन्होंने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में हाथ आजमाया और नाम कमाया।
वह मध्य क्रम में बाएं हाथ के बल्लेबाज और धीमी गति के गेंदबाज रहे। उन्होंने वनडे इंटरनेशनल (ODI) क्रिकेट में 7 प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड जीते हैं। युवराज 2000 से 2017 तक वनडे में भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रहे।
उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच अक्टूबर 2003 में खेला था। वह 2007 से 2008 के बीच भारतीय वनडे टीम के उप-कप्तान थे। 2007 में टी-20 में इंग्लैंड के खिलाफ 6 छक्के लगाए थे। टी-20 में उन्होंने 12 गेंदों में फिफ्टी लगाई, जो कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड है।