डेली संवाद | New Study Visa Rules in Canada: कनाडा में पढ़ाई के लिए 2024 में कई नए नियम लागू किए गए हैं। ये नियम अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए हैं और अध्ययन वीज़ा, पोस्टग्रेजुएट वर्क परमिट और वित्तीय आवश्यकताओं से संबंधित हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य छात्रों की संख्या को नियंत्रित करना और शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना है। आइए इन नियमों को विस्तार से समझें।
1. अध्ययन वीज़ा की सीमा
2024 से कनाडा ने नए अध्ययन वीज़ा की संख्या पर अस्थायी सीमा लगाई है। केवल 364,000 नए अध्ययन वीज़ा ही स्वीकृत किए जाएंगे। यह कदम कनाडा के शरणार्थी और नागरिकता विभाग (IRCC) द्वारा उठाया गया है ताकि शैक्षिक संस्थानों की क्षमता के अनुसार छात्रों की संख्या को संतुलित किया जा सके।
अध्ययन वीज़ा संख्या का विश्लेषण
- कुल लक्ष्य: 485,000 अध्ययन वीज़ा
- विस्तार और नवीनीकरण: लगभग 97,000 (20% अंतरराष्ट्रीय छात्र सालाना विस्तार के लिए आवेदन करते हैं)
- बफर: 24,000 वीज़ा संभावित बदलावों के लिए
- नए वीज़ा: 364,000 नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए
2. पोस्टग्रेजुएट वर्क परमिट के नए नियम
कनाडा ने पोस्टग्रेजुएट वर्क परमिट के लिए योग्यता मानदंड को भी बदल दिया है। 15 मई 2024 से, कुछ निजी कॉलेजों के छात्रों के लिए वर्क परमिट की योग्यता समाप्त कर दी गई है। केवल मास्टर्स, डॉक्टोरल, या प्रोफेशनल डिग्री कार्यक्रमों में दाखिल छात्रों के जीवनसाथी को खुले वर्क परमिट मिलेंगे।
3. GIC (गारंटीड इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट) की नई आवश्यकता
1 जनवरी 2024 से, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए GIC की आवश्यकता को दोगुना कर दिया गया है। अब छात्रों को कम से कम CAD 20,635 दिखाना होगा, जो पहले CAD 10,000 था। यह धनराशि उनकी जीवन यापन के खर्चों को कवर करने के लिए है, जिसमें ट्यूशन फीस शामिल नहीं है।
नए नियमों के पीछे का कारण
IRCC का कहना है कि बढ़ती अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या ने कनाडा के बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव डाला है, जिसमें आवास और स्वास्थ्य देखभाल शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ संस्थानों, विशेष रूप से निजी कॉलेजों, की शिक्षा गुणवत्ता पर भी सवाल उठे हैं। इन बदलावों का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश की दर को धीमा करना है ताकि बुनियादी ढांचे में सुधार किया जा सके और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित की जा सके।
नए नियमों का अल्पकालिक प्रभाव
- अध्ययन वीज़ा की सीमा के कारण प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, विशेष रूप से ओंटारियो और ब्रिटिश कोलंबिया जैसे लोकप्रिय प्रांतों में। विश्वविद्यालयों के प्रवेश मानदंड सख्त हो सकते हैं।
- आवेदन प्रक्रिया में शामिल छात्रों को देरी या अस्वीकृति का सामना करना पड़ सकता है।
- कुछ निजी कॉलेजों के छात्रों को वर्क परमिट नहीं मिलेगा।
- जीवनसाथी वर्क परमिट पर प्रतिबंध से परिवारों के साथ आने वाले छात्रों को पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
- GIC की बढ़ी हुई आवश्यकता से वित्तीय दबाव बढ़ेगा, जिससे मध्यम आय वाले परिवारों के आवेदन कम हो सकते हैं।
नए नियमों का दीर्घकालिक प्रभाव
- छोटे प्रांतों में विविधता: छात्र कम लोकप्रिय प्रांतों, जैसे अल्बर्टा, क्यूबेक, सस्केचेवान, न्यूफाउंडलैंड, लैब्राडोर और मैनिटोबा में जाने की सोच सकते हैं। इससे इन प्रांतों में भी उच्च गुणवत्ता वाले संस्थान खुल सकते हैं।
- शिक्षा गुणवत्ता में सुधार: उच्च मानकों को बनाए रखने और संस्थानों की निरीक्षण बढ़ाने से शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा।
- नीतियों का पुनर्मूल्यांकन: जीवनसाथी वर्क परमिट के बदलाव से कनाडा को अपनी नीतियों का पुनर्मूल्यांकन करना पड़ सकता है।
- बुनियादी ढांचे में सुधार: कम अंतरराष्ट्रीय छात्रों से आवास और स्वास्थ्य देखभाल पर दबाव कम होगा, जिससे बुनियादी ढांचे में सुधार किया जा सकेगा।
भारतीय छात्रों पर प्रभाव
कनाडा और भारत के बीच राजनयिक विवादों ने भारतीय छात्रों के वीज़ा आवेदन पर असर डाला है। इससे वीज़ा प्रक्रिया में देरी और अनिश्चितता बढ़ गई है। इन विवादों के चलते कनाडा की आकर्षण कम हो सकती है, जिससे भारतीय छात्रों की संख्या में कमी आ सकती है।