डेली संवाद, कनाडा | India-Canada News: कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा हाल ही में एक तथाकथित ‘नागरिक अदालत’ का आयोजन किया गया। इस आयोजन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया गया। इस घटना पर कनाडा सरकार ने चुप्पी साधे रखी, जिससे भारत में रोष फैल गया। भारतीय समुदाय ने इसे भारतीय संप्रभुता और प्रधानमंत्री का अपमान माना।
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हरदीप सिंह निज्जर की बरसी पर संसद में मौन
Canada की संसद में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की बरसी पर एक मिनट का मौन रखा गया। संसद के स्पीकर ग्रेग फर्गस ने निज्जर के लिए शोक संदेश पढ़ा और सभी सांसदों से मौन रखने का अनुरोध किया। हरदीप सिंह निज्जर को भारत ने 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। यह मौन उनके लिए सम्मान प्रकट करने का संकेत था, जिससे भारत सरकार नाराज हुई।
निज्जर की हत्या और भारत-कनाडा तनाव
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर कर दी गई थी। यह घटना खालिस्तानी समर्थकों के लिए एक बड़ा झटका थी। इसके बाद, 18 सितंबर 2023 को कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में भारत सरकार पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया। भारत ने इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ बताते हुए खारिज कर दिया।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया
भारत ने वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा तथाकथित ‘नागरिक अदालत’ के आयोजन और प्रधानमंत्री का पुतला जलाने पर कनाडा के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया। भारत ने कनाडा के उच्चायोग को राजनयिक नोट जारी कर अपनी गंभीर आपत्ति जताई। इस नोट में भारत ने कनाडा में खालिस्तानी तत्वों को दी जा रही शह पर कड़ी आपत्ति जताई है। भारत ने कहा कि ऐसी गतिविधियाँ भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हैं और इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
India-Canada रिश्तों में तनाव
जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद से भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है। भारत का कहना है कि कनाडा अपनी जमीन पर खालिस्तान समर्थक तत्वों को शह दे रहा है, जिससे दोनों देशों के संबंधों में खटास आई है। भारत ने Canada को बार-बार अपनी गहरी चिंताओं से अवगत कराया है। भारत का मानना है कि Canada में खालिस्तानी तत्वों की बढ़ती गतिविधियाँ दोनों देशों के रिश्तों के लिए हानिकारक हैं।
दोनों देशों की राजनीतिक स्थिति
Canada में खालिस्तानी समर्थक बड़ी संख्या में बसे हुए हैं और वे राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं। इन समर्थकों का कनाडाई राजनीति पर भी प्रभाव है, जिससे कनाडा सरकार इस मुद्दे पर संयम बरतती है। दूसरी ओर, भारत इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाता है और खालिस्तानी गतिविधियों को अपने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है।