डेली संवाद, चंडीगढ़। Bhagwant Mann Cabinet Decisions: शिक्षा दिवस के मौके पर सोमवार को पंजाब कैबिनेट ने सूब के 9000 उन अध्यापकों को नियमित करने का फैसला लिया है जो एडहॉक, अनुबंध और अस्थायी तौर पर लगे हुए हैं। यह फैसला आज यहां कैबिनेट की बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री भगवंत मान ने की। इनके लिए एक विशेष काडर बनाया जाएगा।
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मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों की कमी होने के कारण इन पदों पर ठेके और अस्थायी तौर पर कर्मचारी भर्ती थे। उन्होंंने बताया कि इनमें से कुछ पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को दस साल से ज्यादा समय बीत चुका है। कैबिनेट का तर्क था कि इस स्तर पर इन कर्मचारियों को फारिक करने या इनकी जगह और कर्मचारियों की भर्ती करना इन कर्मचारियों के साथ अन्याय होगा।
अनुबंध के आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने भारतीय संविधान की दूसरी सूची में दर्ज धारा 162 के अधीन एडहॉक, अनुबंध, डेलीवेज, वर्क चार्ज और कच्चे कर्मियों के कल्याण की नीति बनाई हुई है ताकि ऐसे कर्मचारियों को अविश्वास के माहौल का सामना न करना पड़े।
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उनकी नौकरी को सुरक्षित रहे। राज्य सरकार ने ऐसे इच्छुक और योग्य मुलाजिम में जो योग्यताएं पूरी करेंगे, की सेवाओं को 58 साल की आयु तक विशेष काडर में डालकर नियमित करने का नीतिगत फैसला किया है। सिर्फ पंजाब के प्रबंधकीय विभागों में ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों के लिए बनाई इस नीति से नौ हजार से ज्यादा कर्मचारियों को लाभ होगा।
सेवाओं को रेगुलर करने के लिए एडहॉक, अनुबंध, डेलीवेज, वर्क चार्ज या कच्चे कर्मचारियों को इस मौजूदा नीति के जारी होने तक काम करते हुए लगातार दस साल होने चाहिए और विशेष काडर में उन्हें शामिल करने से पूर्व उनके पास संबंधित प दों की शर्तों के मुताबिक अनुभव हो।
कम से कम 240 दिन काम किया हो
इन दस सालों की सेवा के दौरान संबंधित विभागों के मूल्यांकन के मुताबिक आवेदन का आचरण व व्यवहार पूरी तरह से तसल्लीबख्श हो। नियमित होने के लिए इन कर्मचारियों ने हर कैलेंडर वर्ष में कम से कम 240 दिन काम किया हो। दस सालों की सेवा गिनते समय काम में नोशनल ब्रेक पर विचार नहीं किया जाएगा।
यह नीति उन व्यक्तियों पर लागू नहीं होगी जो ऑनरेरी आधार पर शामिल हैं या जो पार्ट टाइम आधार पर काम करते थे या जो सेवा मुक्ति की उम्र पर पहुंच चुके हैं या जो अपने स्तर पर इस्तीफा दे चुके हैं। यह नीति उन कर्मचारियों पर भी लागू नहीं होगी जिनकी सेवाएं सेवाओं को विभाग ने बरकरार नहीं रखा या जो आउट सोर्स या इंसेंटिव के आधार पर शामिल हैं।
सेवाएं रेगुलर नहीं की जाएंगी
जिस कर्मचारी के पास इस विशेष काडर में शामिल किए जाने के समय सेवा नियम अधीन संबंधित पद के लिए आवश्यक अनुभव या योग्यता नहीं होगी उनकी सेवाएं नियमित नहीं होंगी। इसके अलावा जो कर्मचारी किसी अदालत या ट्रिब्यूनल के अंतरिम आदेशों के मुताबिक सेवाएं कर रहे हैं या जिन्हें नैतिक आचरण का दोषी माना गया है या जिनके खिलाफ ऐसे किसी अपराध के कारण अदालत ने आरोप साबित किए हैं, उनकी सेवाएं रेगुलर नहीं की जाएंगी।
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