मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे अयोध्या, विकास कार्यों का जायजा। कहा – राम की पैड़ी को हरि की पैड़ी की तरह विकसित करना है।
डेली संवाद. अयोध्या
अयोध्या को विश्व के शानदार पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के अपने लक्ष्य को लेकर प्रयासरत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को अयोध्या के दौरे पर थे। यहां उन्होंने अयोध्या आने वाले पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कराए जा रहे विकास कार्यों का जायजा लिया। साथ ही अयोध्या दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के कार्यों को मौके पर पहुंच कर निरीक्षण किया, सीएम ने वहां उपस्थित निर्माण कार्यों से जुड़े अलग अलग विभागों के अधिकारियों से अपने विभागों की ओर से कराए जा रहे विकास कार्यों को तय समय पर पूरे करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा कि पीएम मोदी के हांथों अयोध्या के भव्य राममंदिर की आधार शिला रखे जाने के बाद से अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है ऐसे में पर्यटकों की सुख सुविधाओं को बढ़ाने की जवाबदेही भी हमारी है। सीएम ने कहा राम की पैड़ी को हरि की पैड़ी की तरह विकसित करना है, वहां सरयू मैया की पर्याप्त जलधारा रहे ऐसी कोशिश हो। भविष्य में नया घाट से क्रूज संचालन करने की हमारी योजना है।
दर्शन पथों, परिक्रमा पथों का चौड़ीकरण
आज अयोध्या में तमाम राज्य अपने अतिथि ग्रह बना रहे हैं, अनेक धार्मिक सामाजिक संस्थाएं धर्मशालाएं बना रही हैं। बहुत से संत और अखाड़े यहां मंदिर और आश्रम बनाना चाह रहे हैं। इसलिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी के कार्यों की गति बढ़ाने की ज़रूरत है। जल्दी से जल्दी अधूरे कार्य पूरा करें। दर्शन पथों, परिक्रमा पथों का चौड़ीकरण और फुटपाथों का निर्माण कार्य तेजी से संपन्न करें।
मार्गों की लाइटिंग व्यवस्था सुधारने का कार्य जरूरी सभी घाटों, सड़कों, परिक्रमा मार्गों, चौराहों, स्मारकों में बेहतर लाइटिंग सुविधा हो। हम ऐसी प्लानिंग करें कि अयोध्या ईको फ्रेंडली सोलर सिटी के रूप में विकसित हो। ऊर्जा विभाग विद्युत व्यवस्था को सोलर सिस्टम से जोड़ें। सोलर एनर्जी का प्रयोग करें। पूरे विश्व के लिए एक अलग तरह की, प्रदूषण मुक्त स्वच्छ और सुंदर अयोध्या का निर्माण हो।
मुख्यमंत्री ने कहा पर्यावरण विभाग
सौ साल से पुराने वृक्षों को चिन्हित करके उनको हैरिटेज स्थल बनाकर संरक्षित करने का कार्य करें। साथ ही रामायण कालीन वृक्षों के वनों के निर्माण के किए जन्मभूमि परिसर के अलावा चौदह कोसीय, पंच कोसीय और चौरासी कोसीय परिक्रमा पथ, ग्राम सभा की जमीनों, पार्कों को जोड़ें। अयोध्या में सिर्फ ईंट और रेत की इमारत न दिखे बल्कि नगरी का प्राकृतिक सौंदर्य भी दिखना चाहिए।
उन्होंने कहा इन सभी विकास कार्यों के बीच विस्थापित बाजारों के दुकानदारों को राहत और पुनर्वास के लिए प्रशासन लोगों से सीधा संवाद कर उनको रोजगार की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। आज जब अयोध्या का हर व्यक्ति अपने राम की नगरी को वर्ड क्लास सिटी बनाने के लिए आगे बढ़कर योगदान देना चाहता है। हमको भी जनता के हितों की चिंता करनी है। किसी भी अयोध्यावासी को कोई तकलीफ ना हो ऐसा प्रयास रहे।
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