पूर्णिया। भारत और नेपाल के बीच सदियों से रोटी-बेटी का रिश्ता रहा है. लेकिन, हाल के दिनों में नेपाल पुलिस और वहां की सरकार के कारनामों से दोनों देशों के बीच कहीं न कहीं खटास उत्पन्न हो गई है. बीते शनिवार को नेपाल पुलिस द्वारा किशनगंज के टेढ़ागाछ में एक किसान युवक जितेंद्र सिंह को गोली मारी गई थी. अब गोली मारने का मामला गर्मता जा रहा है।
[ads2]
नेपाल पुलिस द्वारा चलाई गई गोली जितेंद्र सिंह के कंधे में लगी है. वह फिलहाल पूर्णिया के एक निजी अस्पताल में भर्ती है. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उनका मवेशी नेपाल सीमा तरफ चला गया था. वह अपने मवेशी को खोजने के लिए जा रहा था. उनका कहना है कि वह टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत भारतीय सीमा के पास था, जब नेपाल पुलिस ने भारत में घुसकर मेरे ऊपर ऊपर गोली चला दी।
जानकारी के मुताबिक, जहां जितेन्द्र खड़ा था, वहां से नेपाल सीमा 200 मीटर दूर थी. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि जिस समय नेपाल पुलिस ने गोली चलाई उस समय वहां करीब 5 से 6 नेपाली पुलिस जवान मौजूद थे, जबकि वे लोग तीन आदमी थे जो मवेशी खोजने गए थे।
खुली है नेपाल और भारत की सीमा
जितेंद्र ने बताया कि कहा कि घटना वाली जगह पर नेपाल और भारत की सीमा खुली है. वहां भारत के कई लोगों के खेत भी हैं. वे लोग अक्सर मवेशी लेकर और खेती करने जाते रहते थे. पहली बार लॉकडाउन के कारण नेपाल पुलिस वहां पहुंची और उनके ऊपर बिना किसी कारण के फायरिंग शुरू कर दी. नेपाल पुलिस ने तीन गोली चलाई, जिसमें एक गोली उनके कंधे में लगी, जबकि उनके साथ जा रहे दो लोग भाग गए. इसके बाद किसी तरह वह अपने घर पहुंचा और वहां से अस्पताल गया. फिर वहां से पूर्णिया रेफर कर दिया गया।
[ads1]
जितेंद्र ने स्पष्ट तौर पर कहा कि नेपाल पुलिस भारत में घुसकर उनके ऊपर गोली चलाई है. फिलहाल एसएसबी की टीम और किशनगंज पुलिस मामले की जांच कर रही है. पिछले कुछ दिनों से जिस तरह भारत और नेपाल के बीच तनाव व्याप्त है. हाल के दिनों में नेपाल की पुलिस ने कई भारतीय लोगों पर फायरिंग की है. ऐसे में दोनों देश में के बीच प्राचीन काल से चली आ रही सांस्कृतिक और रोटी- बेटी का संबंध पर भी असर पड़ रहा है।