महिलाएं और लड़कियों पर सीधे धार्मिक प्रतिबंध लगाए गए
ईरान। 1979 की इस्लामिक क्रांति ने ईरान को अमेरिकी प्रभाव और राजशाही के कब्जे से तो मुक्त कर दिया लेकिन उसके बाद देश में धार्मिक जड़ता ने अपनी जड़ें तेजी के साथ जमाईं. इस धार्मिक जड़ता का सबसे तेज और सीधा असर वहां की महिलाओं पर पड़ा. शाह के समय में पश्चिमी परिधानों में नजर आने वाली महिलाएं और लड़कियों पर सीधे धार्मिक प्रतिबंध लगाए गए।
इन धार्मिक प्रतिबंधों की वजह से धीरे-धीरे महिलाओं की स्थितियां खराब हुई हैं. प्रतिबंधों का असर और बुरा हुआ. ऊपरी तौर पर सख्त नियमों के तले वो सब कुछ चल रहा है जो धार्मिक नियमों में वर्जित है। ब्रिटिश पत्रकार रमिता नवई ने इसका जिक्र अपनी किताब में किया है।
ईरान की जिंदगी में पोर्न और वेश्यावृत्ति सबसे कॉमन चीजों में से हैं
ब्रिटिश पत्रकार रमिता नवई ने अपनी किताब में लिखा है-इस्लामिक ईरान की जिंदगी में पोर्न और वेश्यावृत्ति सबसे कॉमन चीजों में से हैं. रमिता नवई लिखती हैं कि दिलचस्प बात ये है कि महिलाओं को शादी से बाहर संबंध बनाने के लिए 100 कोड़े की सजा दी जाती है और अगर एडल्टरी में पकड़ी गईं तो फिर मौत की सजा पक्की है।
रमिता की इस किताब का नाम है-City of Lies. इस किताब में उन्होंने ईरानी लड़कियों की सेक्सुअल फ्रीडम सहित अन्य मुद्दों पर बेहद तफसील से लिखा है. रमिता नवई लिखती हैं कि आम तौर पर ईरान में धार्मिक पाबंदियों के कारण लड़किया शादी तक ‘वर्जिन’ रहने के नियम का ‘तकनीकी तौर’ पर पालन करती हैं।
लड़कियों के संबंध अपने नजदीकी रिश्तेदारों के साथ बनते हैं
सामान्य तौर पर किशोरावस्था में लड़कियों के संबंध अपने नजदीकी रिश्तेदारों के साथ बनते हैं और इस दौरान भी खयाल रखा जाता है की लड़की की वर्जिनिटी भंग न हो. लड़कियां इसके लिए अप्राकृतिक सेक्स का रास्ता अपनाती हैं. रमिता नवई ईरान में लड़कियों के बीच पनपे इस सिस्टम को तंज भरे लहजे में बताती हैं।