डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज पराली न जलाने वाले छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता देने सम्बन्धी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को तुरंत लागू करने के लिए कृषि विभाग को रूप -रेखा तैयार करने के आदेश जारी किये हैं।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों, जिसमें पराली जलाने वाले किसानों पर कार्यवाही करने के लिए कहा गया है, के अनुसार पराली जलाने पर लगाई पाबंदी का उल्लंघन करने वाले किसानों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के आदेश भी जारी किये गए हैं।
मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के प्रभावों, जिससे वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रहे राज्य पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, बारे विचार-विमर्श के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि समस्या के स्थाई हल के लिए केंद्र सरकार को राज्य का समर्थन करना होगा।
आदेशों का उल्लंघन करने वाले किसानों पर शिकंजा कसा जाए
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि जिन किसानों ने वित्तीय मुश्किलों के बावजूद पराली जलाने से किनारा किया है, ऐसे किसानों को मुआवज़ा देने और उत्साहित करने की ज़रूरत है। उन्होंने कृषि और वित्त विभाग को ऐसे किसानों को मुआवज़ा देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के लागू करने को यकीनी बनाने के लिए तुरंत कदम उठाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग को किसानों को अदायगी के लिए ज़रूरी फंड यकीनी बनाने के लिए कहा।
कैप्टन अमरिन्दर ने पुलिस विभाग को आदेशों का उल्लंघन करने वाले किसानों पर शिकंजा कसने और पराली जलाने में शामिल किसानों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए ऐसे किसानों की पहचान करने के लिए भी कहा। जि़क्रयोग्य है कि पराली जलाने से राज्य और आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण हुआ है।
मीटिंग में बताया गया कि आदेशों का उल्लंघन करने वाले किसानों के विरुद्ध अब तक 900 से अधिक एफ.आई.आरज़ दर्ज की गई हैं जिनमें सबसे अधिक एफ.आई.आरज़ श्री मुक्तसर साहिब और बठिंडा में की गई हैं और कुछ मामले संगरूर में भी दर्ज किये गए हैं।