विशेषज्ञ डॉक्टरों की आयु सीमा को 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया
डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब सरकार ने आज विशेषज्ञ डॉक्टरों की आयु सीमा को 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया है। अब, विशेषज्ञ डॉक्टर पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी काम करेंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री बलबीर सिंह सिद्धू ने आज यहां यह खुलासा करते हुए कहा कि सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए, राज्य सरकार को सेवा देने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की आयु सीमा बढ़ाने का फैसला किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि प्रशासनिक विभाग ऐसे 384 पदों के विरुद्ध सलाहकार के रूप में स्त्री रोग विशेषज्ञ, सर्जन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट आदि नियुक्त कर सकते हैं, जब तक कि इन पदों के विरुद्ध नियमित नियुक्तियां नहीं की जाती हैं। उन्होंने कहा कि शुरू में प्रत्येक सलाहकार को अनुबंध के आधार पर एक वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया जा सकता है जिसे कर्तव्यों के संतोषजनक प्रदर्शन के लिए साल-दर-साल बढ़ाया जा सकता है। ऐसे सलाहकारों को दिया जाने वाला पारिश्रमिक किसी भी स्थिति में अंतिम भुगतान निकाले गए माइनस पेंशन से अधिक नहीं होगा।
स्टेशनों को योग्यता के आधार पर आवंटित भी किया जाएगा
उन्होंने कहा कि इन सलाहकारों को केवल नैदानिक कर्तव्यों के पालन के लिए नियुक्त किया जाएगा और किसी भी मामले में किसी भी प्रशासनिक कर्तव्यों को सौंपा नहीं जाएगा। उन्होंने प्रशासनिक विभाग को भर्ती प्रक्रिया में 100 प्रतिशत पारदर्शिता बनाए रखने का भी निर्देश दिया क्योंकि ऐसे सलाहकारों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर की जाएगी और स्टेशनों को योग्यता के आधार पर आवंटित भी किया जाएगा।
श्री बलबीर सिंह ने कहा कि एक वर्ष की अवधि के लिए सलाहकार की नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु 64 वर्ष होगी और किसी भी परिस्थिति में एक सलाहकार को 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर बरकरार नहीं रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सलाहकार को ऐसे समय में निजी प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं होगी, जो सरकार के साथ अनुबंध पर हैं।
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