चंडीगढ़। पंजाब के डीजीपी की पोस्ट को एक और आईपीएस अधिकारी ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में चैलेंज कर दिया है। 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कैट में याचिका दायर कर डीजीपी की पोस्ट पर दिनकर गुप्ता की नियुक्त को स्टे किए जाने की मांग की है।
इससे पहले 1985 बैच के आईपीएस और पंजाब की एंटी ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स के डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा ने भी कैट में याचिका दायर की थी। इन दोनों याचिकाओं पर जवाब दायर करने के लिए कैट ने पंजाब सरकार, यूपीएससी, केंद्र सरकार और मौजूदा डीजीपी दिनकर गुप्ता को नोटिस कर दिया है। इन्हें 27 मार्च तक अपना जवाब दायर करना होगा। जिसके बाद 5 अप्रैल को मामले में बहस शुरू होगी।
ये कहा याचिका में
चट्टोपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि वे नए डीजीपी दिनकर गुप्ता से सीनियर हैं और मेरिट के आधार पर भी वे उनसे आगे हैं। इसलिए उन्हें डीजीपी बनाया जाना चाहिए। वहीं, मोहम्मद मुस्तफा के वकील ने अपनी दलील में कहा कि यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन(यूपीएससी)को जो चार नाम डीजीपी के लिए भेजे थे, उनमें वे सबसे सीनियर हैं। उनका पुलिस रिकॉर्ड भी बेहतर है।
उन्होंने याचिका में कहा है कि जब तक इस मामले पर फैसला नहीं आ जाता तब जक पंजाब के नए नियुक्त किए गए डीजीपी दिनकर गुप्ता वाली नोटिफिकेशन पर स्टे लगाई जाए। अभी हाल ही में पंजाब ने दिनकर गुप्ता को पंजाब का डीजीपी नियुक्त किया था। मुस्तफा का नाम भी उस लिस्ट में था जो पंजाब सरकार ने यूपीएससी को भेजी थी। लेकिन यूपीएससी की ओर से जिन तीन अधिकारियों का नाम शॉर्ट लिस्ट किया गया उनमें मुस्तफा का नाम नहीं था।
इससे पहले मुस्तफा ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर पैनल को खारिज करने की मांग की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि संविधान के आर्टिकल 32 के तहत वह ऐसी याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर उन्हें संबंधित फोरम में केस फाइल करने के लिए कहा।
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