आयकर रिटर्न (ITR) भरने की अंतिम तिथि का पालन करें। देरी से भरने पर जुर्माना और ब्याज लग सकता है।
अपनी आय और स्रोत के अनुसार सही ITR फॉर्म चुनें। गलत फॉर्म भरने से रिटर्न रद्द हो सकता है।
सभी स्रोतों से हुई आय का सही-सही डिटेल दें, चाहे वह वेतन हो, फ्रीलांसिंग हो, ब्याज हो या किराये से प्राप्त आय।
आयकर अधिनियम की धारा 80C, 80D आदि के तहत मिलने वाली कटौतियों का दावा करें ताकि टैक्स बचत हो सके।
फॉर्म 16, फॉर्म 26AS, बैंक स्टेटमेंट, निवेश प्रमाणपत्र आदि सभी जरूरी दस्तावेज तैयार रखें।
फॉर्म 26AS (टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट) में दी गई जानकारी को अपनी आय और TDS से मिलाएं ताकि कोई त्रुटि न हो।
यदि आपने कोई बड़ा खर्च किया है, जैसे कि मकान खरीदना या चिकित्सा खर्च, तो उसका सही डिटेल दें।
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आयकर विभाग के ऑफिशियल ई-फाइलिंग पोर्टल का उपयोग करें। यह प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाता है।
रिटर्न भरने के बाद उसे ई-वेरिफाई करें। इसे आप आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग, या डीमैट अकाउंट के माध्यम से कर सकते हैं।
ITR दाखिल करने के बाद रसीद (एक्नॉलेजमेंट) को भविष्य के लिए सुरक्षित रखें। यह आपके टैक्स भरने का प्रमाण है।