डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के बाद अब बिजली विभाग के कर्मचारी भी सार्वजनिक अवकाश पर जाने वाले हैं। मिली जानकारी के मुताबिक सभी कर्मचारी 3 दिनों तक हड़ताल पर रहेंगे।
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ज्वाइंट फोरम पंजाब, बिजली कर्मचारी एकता फोरम और जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने सरकार पर उनकी मांगों को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया है। इस हड़ताल के कारण यदि कोई खराबी आती है तो उसे जल्दी ठीक नहीं किया जा सकेगा और उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
बता दें कि 6 सितंबर को तीनों संगठनों के नेताओं की बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ, बिजली सचिव पंजाब और मैनेजमेंट के साथ बैठक हुई थी। यह बैठक बेनतीजा रही। इससे पहले भी 31 जुलाई को हुई बैठक बेनतीजा रही थी।
उनका कहना है कि काम के दौरान अपनी कीमती जान गंवाने वाले बिजली कर्मियों को सरकार शहीद का दर्जा देने को तैयार नहीं है और करोड़ों रुपये की आर्थिक सहायता देने को तैयार नहीं है।
वहीं, अगर उनकी मांगों की बात करें तो उनकी पहली मांग है कि ड्यूटी के दौरान मरने वाले कर्मचारी को शहीद का दर्जा और करोड़ों रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। सब स्टेशन स्टाफ की मुख्य मांगें: आरटीएम से एएलएम में प्रमोशन का समय कम किया जाए
दूसरे राज्यों से भर्ती पर रोक लगाई जाए
उनकी यह भी मांग है कि सब स्टेशन स्टाफ को सुरक्षा और ओवरटाइम देना होगा। पंजाब सरकार द्वारा दोबारा जारी किए गए भत्ते 2021 से लागू किए जाएं। थर्ड स्केल प्रमोशन पर भरोसा किया जाए, रिक्त पदों पर भर्ती की जाए, पावरकॉम में दूसरे राज्यों से भर्ती पर रोक लगाई जाए।