डेली संवाद, मुंबई। Kalki 2898 AD: थोड़ा सा ‘एवेंजर्स’ (Avengers) लीजिए, फिर उसमें थोड़ा सा ‘मैक्स रोड फ्यूरी’ (Max Road Fury) मिलाइए। पाँच मिनट तक इसे तलने के बाद उसमें थोड़ी सी छौंक ‘हैरी पॉटर’ (Harry Potter) की लगाइए।
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धीमी आँच पर इसे कुछ देर तलें, फिर इसमें थोड़ा सा ‘आदिपुरुष’ (Adipurush) के घटिया वीएफएक्स (VFX) लगा दीजिए। अब जो बचा है, उसमें हल्का छिड़काव ‘थॉर’ (Thor) का कीजिए और लीजिए तैयार है आपका ‘2898 कल्कि एडी’ (Kalki 2898 AD) …।

कहानी (Story)
वो क्या होती है? निर्देशक और एडिटर एक-आध दर्जन देसी-विदेशी फिल्म और थोड़ी धार्मिक कथा लेकर बैठे और बना दी ये सिरदर्द…
अभिनय (Acting)
प्रभास (Prabhas) को एक ही पोज आता है, अजय देवगन (Ajay Devgn) की तरह। देवगन सिर को बाएँ झुकाकर ‘अभिनय’ करते हैं, प्रभास को कैमरा टिल्ट-अप करके अपना लार्जर दैन लाइफ फिगर दिखाकर ‘अभिनय’ करते हैं।

अमितजी (Amitabh Bachchan) के बारे में क्या ही कहें, वही इस फिल्म में एकमात्र ऐसे अभिनेता हैं जो ठीकठाक कुछ पल मुहैया कराते हैं। दिशा पाटनी और दीपिका पादुकोण का फिल्म में उतना ही रोल है, जितना मिठुन दा की फिल्मों में उनकी बहन का हुआ करता था।

संगीत (Music)
मेरे जैसा बेसुरे आदमी को भी इसके संगीत पर WTF कहने का मन करता है। फिल्म की कहानी का जैसा अंत हुआ है, पार्ट-2 बनना तय दिख रहा है। अंत भी ऐसा है कि अचानक जैसे निर्देशक को हाजत हुई और उन्होंने कहा कि बस, अब फिल्म खत्म करनी है। बाकी, आपकी मर्जी। वैसे, फिल्म देखने को डॉक्टर ने तो कहा नहीं है। (साभार- Swami Vyalok के फेसबुक से)