डेली संवाद, चंडीगढ़। Wealth Tax : दुनिया भर में अमीर और गरीबों के बीच असमानता तेजी से बढ़ रही है। इस असमानता को कम करने और वैश्विक समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए जुलाई में जी-20 देशों के वित्त मंत्री एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इस बैठक में सबसे अमीर लोगों पर वेल्थ टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। वेल्थ टैक्स वह कर होता है जो किसी व्यक्ति की संपत्ति के आधार पर लगाया जाता है।
यह भी पढ़ें: Weather Update: पंजाब में हीटवेव का अलर्ट, दिल्ली में बारिश के आसार, पढ़ें मौसम का हाल
Wealth Tax का उद्देश्य
वेल्थ टैक्स (Wealth Tax)का मुख्य उद्देश्य उन लोगों पर कर लगाना है जिनके पास अत्यधिक संपत्ति है। इसके माध्यम से जो धन जुटाया जाएगा, उसे वैश्विक भुखमरी, असमानता, और जलवायु संकट जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान के लिए उपयोग किया जाएगा।
फ्रांसीसी अर्थशास्त्री गैब्रियल ज़ुकमैन ने इस कर का प्रस्ताव रखा है और उनकी रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे अमीर लोग सामान्य लोगों की तुलना में बहुत कम टैक्स देते हैं। इस प्रस्ताव के अनुसार, हर अरबपति को अपनी संपत्ति का दो प्रतिशत वार्षिक कर के रूप में देना होगा।
भारतीय जनता की राय

एक हालिया सर्वेक्षण में पाया गया है कि भारत में 74 प्रतिशत लोग वेल्थ टैक्स के पक्ष में हैं। सर्वे में शामिल 68 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि दुनिया को अगले दशक में बिजली उत्पादन, परिवहन, भवन, उद्योग और भोजन सहित अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में तेजी से कार्रवाई करने की जरूरत है। इस सर्वेक्षण में 22,000 लोगों की राय ली गई थी, जिसमें से 81 प्रतिशत भारतीयों ने ‘कल्याणकारी अर्थव्यवस्थाओं’ में बदलाव का समर्थन किया।
कल्याणकारी अर्थव्यवस्था का विचार
कल्याणकारी अर्थव्यवस्था का मतलब ऐसी अर्थव्यवस्था से है जो आर्थिक वृद्धि के बजाय स्वास्थ्य और पर्यावरण पर अधिक ध्यान केंद्रित करती है। भारतीयों का मानना है कि इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में बदलाव जरूरी है ताकि समाज में सभी लोगों का कल्याण हो सके और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सके।

जी-20 बैठक और संभावित परिणाम
जी-20 देशों के वित्त मंत्री जुलाई में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार-विमर्श करेंगे। ब्राज़ील, जो कि जी-20 का मौजूदा अध्यक्ष है, का लक्ष्य है कि इस बैठक में वेल्थ टैक्स पर आम सहमति बन सके। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो यह एक नया अंतरराष्ट्रीय मानदंड स्थापित करेगा, जिससे अमीरों पर उचित कर लगाया जा सकेगा और उससे जुटाए गए धन का उपयोग वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए किया जा सकेगा।